स्वामी शरनानंद का निधन, क्षेत्र में शोक की लहर

एक ऐसा शख्स जो निकला था इंजीनियर बनने और बन गया धर्म प्रचारक


गांव दड़ौली स्थित आश्रम के संचालक स्वामी शरनानंद का  निधन हो गया। वे हार्ट की बीमारी से पीड़ित थे। गुरुवार बहरोड से जयपुर ले जाते समय रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया। 80 साल से ज्यादा उम्र के स्वामी जी कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनकी पहचान समाज सुधारक और आपसी सौहार्द-भाई चारा के प्रणेयता के तौर रही है। कोई भी सामाजिक या धार्मिक होता स्वामी जी की उपस्थिति लगभग बनी रहती थी। ये वो शख्सियत थे अपने गांव से इंजीनियर बनने निकले थे। 1966 में रूडकी आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद अचानक युवा अवस्था में सनातन धर्म की ओर चले गए। यह किसी भी शख्स के लिए आसान नहीं होता है कि वह वापस अपने गांव लौटे और भगवा चोला धारण कर धर्म-कर्म प्रचार करने के लिए आश्रम स्थापित करें। इस निधन से जिले ने एक उच्च कोटि के विद्धान को खो दिया।

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