केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने सोमवार को पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और केरल समेत नौ राज्यों में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की और चिंता प्रकट की कि सर्दियां एवं त्योहारी सीजन इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मिली बढ़त को खतरे में डाल सकते हैं।
आंध्रप्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा एवं केरल के स्वास्थ्य मंत्रियों एवं प्रधान सचिवों या अतिरिक्त मुख्य सचिवों से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में (कोविड-19 के) रोगियों के स्वस्थ होने की दर दुनिया भर में सर्वाधिक और मृत्यु दर सबसे कम है।
हर्षवर्द्धन ने बैठक में कहा कि जितने भी मरीज उपचाररत हैं उनमें बस 0.44 प्रतिशत ही जीवनरक्षक प्रणाली, 2.47 फीसदी आईसीयू में तथा 4.13 फीसदी ही ऑक्सीजन के सहारे वाले बिस्तरों पर हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नौ राज्यों एवं कुछ जिलों में कोविड-19 के अधिक मामले सामने आ रहे हैं, साप्ताहिक औसत के हिसाब से रोजाना अधिक औसत मामले आ रहे हैं, जांच में गिरावट आ रही है, अस्पताल में भर्ती होने के पहले 24 या 48 या 72 घंटे में मृत्यु की उच्च दर है, रोगियों की संख्या जल्द दोगुना हो जाती है तथा अधिक मौतें हो रही हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महामारी के रूख पर लगातार नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के प्रमुखों से गहन बातचीत की है। उनका नवीनतम संबोधन वैसे तो 10 मिनट का ही था लेकिन कोविड-19 पर उपयुक्त आचरण के निरंतर पालन और उसे जनांदोलन में तब्दील करने का उनका अहम संदेश रहा है।
इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में देश के सफर का विवरण साझा करते हुए उन्होंने कहा कि जनवरी में एक प्रयोगशाला से बढ़कर अब 2074 प्रयोगशालाएं हो चुकी हैं और रोजाना जांच क्षमता बढ़कर 15 लाख हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों से इस संक्रमण को थामने एवं बढ़त पाने के लिए जांच में वृद्धि, बाजारों या कार्यस्थलों पर लक्षित जांच, संपर्क में आए व्यक्तियों की 72 घंटे में पहचान जैसे दस अहम क्षेत्रों पर जोर देने का अनुरोध किया।