हरियाणा के नेता- मंत्री- निजी सचिव राजस्थान बीकानेर में खरीद रहे धड़ाधड़ जमीन

5-7 सालों में खरीदने वालों में भाजपा नेता ज्यादा

जांच हुई तो हरियाणा की राजनीति में आ जाएगा तुफान


रणघोष अपडेट. बीकानेर से सुभाष की रिपोर्ट

राजस्थान का ऐतिहासिक जिला बीकानेर इन दिनों अपने खान पान से ज्यादा जमीनों की खरीद फरोख्त को लेकर ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है। एक मोटे तौर पर जानकारी मिली है कि हरियाणा के पुराने- नए कुछ मंत्रियों, उनके निजी सचिवों एवं रिश्तेदार धड़ाधड़ जमीन खरीद रहे हैं। वह भी थोड़ी बहुत नहीं सैकड़ों एकड़- बीघा की रजिस्ट्री करा रहे हैं। हालांकि इस पूरे मामले की जानकारी यहां के जिला प्रशासन  के संज्ञान में आ चुकी है। कुछ ऐसे केस भी सामने आए हैं जहां जमीन खरीद फरोख्त के नाम पर फर्जीवाड़ा भी हुआ।

यहां के जिला प्रशासन की पुलिस रिपोर्ट के अनुसार 2020-21 में जमीन से जुड़े मामलों में एकदम बढ़ोतरी होने से यह जानकारी सामने आई है। इस वर्ष में 172 विवाद जमीन से जुड़े हुए हैं। यहां बाहरी लोगों के यहां जमीन खरीदने से रेट आसमान छूने लगे थे। चार साल पहले कांग्रेस के एक बड़े नेता के दामाद का मामला भी सामने आ चुका है जिसके ड्राइवर ने ही 22 लोगों के नाम 3993 बीघा जमीन 4 कंपनी बनाकर खरीद ली थी। इसका खुलासा होने पर अब इसकी जांच सीबीआई कर रही है।  बीकानेर के कोलायत और जैसलमेर के पोखरण में कुल 1260 बीघा जमीन खरीदी गईं। खरीदने वाले सभी 22 लोग यहां के निवासी नहीं होकर सभी हरियाणा के फरीदाबाद, गुड़गांव या दिल्ली के रहने वाले हैं और इसमें एक पूर्व विधायक का भाई भी शामिल है। कमाल की बात है कि इन मालिकों में अधिकांश को नहीं पता कि उनके नाम से राजस्थान में कोई जमीन भी है।

 5-7 सालों में खरीदने वालों में भाजपा नेता ज्यादा

पिछले 5-7 सालों में बीकानेर की जमीन खरीदने वालों में हरियाणा कुछ नए पुराने नेता एवं मंत्री, उनके निजी सचिव, परिवार के सदस्यों के नाम ज्यादा सामने आ रहे हैं। इसमें गुरुग्राम- फरीदाबाद- रेवाड़ी जिले का नाम विशेष तौर से शामिल है।

 जांच हुई तो हरियाणा की राजनीति में आ जाएगा तुफान

अगर बीकानेर में पिछले चार- पांच सालों में खरीदी गई जमीन की जांच हुई तो हरियाणा की राजनीति में तुफान आ सकता है। खासतौर से दक्षिण हरियाणा में। यहां के नेताओं ने खुद को ईमानदार दिखाने के लिए अपने खास सिपाहलसार, निजी सचिव, रिश्तेदारों के नाम पर इसकी खरीद की है। जाहिर है जिस तरह सीबीआई कांग्रेस के एक बड़े नेता के दामाद की जांच कर रही है। उसी तरह दुबारा चार- पांच सालों में खरीदी गई जमीन की जांच शुरू हो जाएंगे तो यह हरियाणा की राजनीति में किसी भूचाल से कम नहीं होगा।

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