हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जो राज्य के वित्त मंत्री भी है, ने आज वर्ष 2021-2022 के बजट अनुमान प्रस्तुत किये हैं। सहकारिता मंत्री ने इस बजट को लोक-लुभावना और सभी वर्गों के हित का बजट बताया है।
एक वक्तव्य में उन्होंने कहा कि इस बार बजट में परिणामोन्मुखी वृद्धि, क्रियान्वयन पर बल और स्थूल मानक पर ध्यान दिया गया है और बजट को पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत बढाया गया है जो कि 1,55,645 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने परिणाम हासिल करने हेतु परिणामोन्मुखी वृद्धि करने पर विशेष बल दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक धनराशि का आवंटन और व्यय फलदायी तरीके से किया जाए, जो कि विशिष्ट परिणामों पर लक्षित हो। इस उद्देश्य के लिए, विभिन्न योजनाओं के बजटीय आवंटनों तथा केन्द्रित कार्यान्वयन के माध्यम से सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
इसी प्रकार, शासन और सेवा प्रदायगी में सुधार यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि इन परियोजनाओं से होने वाले लाभ पात्र लाभार्थियों पर लक्षित हों। पिछले वर्ष की गई परिवार पहचान पत्र की पथ-प्रदर्शक पहल ने तेजी से प्रगति की है और व्यापक कवरेज हासिल की है। यह पहल नागरिकों को ‘पेपरलेस’, ‘फेसलेस’ सेवा मुहैया करवाकर ‘ईज ऑफ लिविंग‘ को बेहतर बनाने में दूरगामी साबित होगी। इससे राज्य में नागरिक सुविधा बढ़ाने और सुशासन हासिल करने में मदद मिलेगी।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि हरियाणा में एक नया दुग्ध संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को कवर करेगा। इसकी पैकिंग क्षमता 3 लाख लीटर प्रतिदिन की होगी। इसे 5 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढाया जा सकेगा। जिला भिवानी के गांव शेरला में एक लघु दुग्ध संयंत्र की स्थापना प्रस्तावित की गई है। बजट अनुमान 2021-22 में सहकारिता विभाग के लिए 1274 करोड़ रूपए का प्रस्ताव हैं।
इसी प्रकार, अनुसूचित जाति के मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए डॉ अंबेडकर मेधावी छात्र योजना के तहत कक्षा 11वीं, स्नातक के प्रथम वर्ष और स्नाकोत्तर पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष में 8000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये प्रति वर्ष तक की छात्रवृत्तिया दी जा रही हैं। पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों को दसवीं कक्षा के उनके अंकों के आधार पर छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं। सरकार 2 लाख 50 हजार रुपये तक की वार्षिक आय वाले अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के उम्मीदवारों को विभिन्न प्रतियोगी और प्रवेश परीक्षाओं जैसे सिविल सेवा परीक्षा, बैंकिंग, रेलवे, एसएससी, एचटीईटी, सीजीएल और एनईईटी व जेईई इत्यादि के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के माध्यम से मुफ्त कोचिंग प्रदान कर रही है। कानूनी सहायता योजना के तहत, अनुसूचित जाति के लोगों को अदालतों में संपत्ति, कृषि भूमि, किराया और आरक्षण आदि से संबंधित मामलों की पैरवी का खर्च पूरा करने हेतु 11,000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है, जिसे अब बढ़ाकर 22000 रूपए करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट अनुमान 2021-22 में अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग के लिए 524 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।
बजट प्रस्ताव में समाज के बुजुर्गों की समस्याओं के दृष्टिगत और उनके प्रति अपार सम्मान व्यक्त करते हुए वृद्धावस्था सम्मान भत्ता इस वर्ष पहली अप्रैल से 2500 रुपये करने की घोषणा की गई है। इसी प्रकार, एक नई योजना-‘मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान अभियान’ शुरू करने की घोषणा बजट में की गई है। इस अभियान के लिए परिवार पहचान पत्र से डाटा का सत्यापन किया जाएगा और राज्य में एक लाख निर्धनतम परिवारों की पहचान की जाएगी। इन परिवारों की न्यूनतम आर्थिक सीमा 1.80 लाख रुपये वार्षिक करने के उद्देश्य से उनके आर्थिक उत्थान को सुनिश्चित करने हेतु शिक्षा, कौशल विकास, वेतन रोजगार, स्व-रोजगार और रोजगार सृजन के उपायो का एक पैकेज अपनाया जाएगा और लागू किया जाएगा। जब इन एक लाख परिवारों का सफलतापूर्वक उत्थान हो जाएगा तो सरकार अगले एक लाख निर्धनतम परिवारों की पहचान करेगी और उनके आर्थिक उत्थान के लिए काम करेगी।
इसी प्रकार, हरियाणा सरकार की राज्य बीमा न्यास के माध्यम से एक सर्वसमावेशी बीमा स्कीम शुरू करने की योजना है। इसमें दुर्घटना या किसी अनहोनी घटना में किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह की मृत्यु होने पर विस्तृत बीमा कवर उपलब्ध करवाया जाएगा। यह स्कीम क्रियान्वित होने पर संबंधित विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा चलाई जा रही स्कीमों का स्थान लेगी।
उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जो राज्य के वित मंत्री भी हैं, ने बजट अनुमान 2021-2022 में सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा है।