पीएम नरेंद्र मोदी के नए मंत्रीमंडल से पड़ेगा हरियाणा की राजनीति पर असर
राव इंद्रजीत सिंह के सामने भूपेंद्र यादव ने खींच दी लंबी लकीर, गुरुग्राम से अब भाजपा के पास दो दिग्गज नेता
रणघोष खास. सुभाष चौधरी
बुधवार को दिन भर पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरगर्मी बनी रही। काफी उल्टफेर हुए। जिसका सीधा असर हरियाणा की भाजपा राजनीति पर भी साफ तौर से नजर आया। अंबाला से सांसद रतनलाल कटारिया की मंत्रीमंडल से छुट्टी हो गईं। ऐसा माना जा रहा था कि केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह एवं कृष्णपाल गुर्जर में किसी का प्रमोशन तय है। ऐसा नहीं होकर जातिगत समीकरण के आधार पर राज्य सभा सदस्य भूपेंद्र यादव को मंत्रीमंडल के कैबिनेट में स्थान मिला तो इसी समाज से अन्नपूर्णा देवी राज्य मंत्री के तोर पर इस नई टीम में शामिल हो गईं। इस मौजूदा फेरबदल घटनाक्रम को देखे और कुछ दिन पहले भाजपा प्रदेश संगठन की टीम में शामिल हुए सदस्यों पर नजर डाले तो साफ नजर आता है कि राव इंद्रजीत सिंह को जो वजन केंद्र एवं राज्य में मिलना चाहिए वह उनके कद के हिसाब से कम होता जा रहा है। 2013 के लोकसभा चुनाव से तीन माह पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए राव इंद्रजीत सिंह का अभी तक केंद्र में राज्य मंत्री से कैबिनेट में प्रमोशन नहीं होना एक साथ कई सवाल खड़े करता है। सबसे बड़ी बात जातिगत राजनीति समीकरण के आधार पर भूपेंद्र यादव ने कैबिनेट में आकर उनके सामने एक लंबी लाइन खींच दी है। यहां बता दें कि भूपेंद्र यादव की पृष्ठभूमि भी गुरुग्राम-रेवाड़ी से जुड़ी हुई है। वे रेवाड़ी के पूर्व विधायक रघु यादव के चेचेरे भाई है। भूपेंद्र यादव मूलत: गुरुग्राम के गांव जमालपुर से संबंध रखते हैं। रघु यादव हमेशा राव इंद्रजीत सिंह के खिलाफ राजनीति करते आ रहे हैं हालांकि पिछले 5-10 सालों से राजनीति में सक्रिय नहीं है। भूपेंद्र यादव भाजपा युवा मोर्चा में जिला गुरुग्राम के प्रधान से अपनी राजनीति की शुरूआत कर वर्तमान में भाजपा में राष्ट्रीय स्तर पर कद्दावर नेता के तोर पर स्थापित हो चुके हैं। भूपेंद्र यादव आरएसएस से लेकर पार्टी के अनेक दिग्गज नेताओं की पंसद है। पिछले दिनों गुरुग्राम में उनके नए फार्म हाउस के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर अनेक दिग्गज नेताओं ने शिरकत की थी। उनका मूल निवास भी गुरुग्राम में बना हुआ है। ऐसे में जाहिर है आने वाले दिनों में दक्षिण हरियाणा की गुरुग्राम लोकसभा सीट पर दो प्रमुख दावेदार भाजपा के सामने नजर आ रहे हैं। देखा जाए तो यह सीधे तौर पर राव इंद्रजीत सिंह के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर राजनीति चुनौती भी है। इतना ही नही भाजपा हरियाणा संगठन में भी राव इंद्रजीत सिंह के विरोधियों को बराबर की जगह मिलना भी राव के लिए साफ संकेत नहीं है। हालांकि राजनीति में पलभर में कब क्या हो जाए कुछ कहना मुश्किल है। इतना जरूर है कि राव इंद्रजीत सिंह दक्षिण हरियाणा के सबसे बड़े कद्दावर नेता है। कांग्रेस- भाजपा सरकार में पद के आधार पर तुलना की जाए तो कांग्रेस की केंद्र सरकार में राव का वजन भाजपा के मुकाबले ज्यादा भारी था। अब देखना यह है कि मंत्री मंडल के नए गठन से निकल रहे ये संकेत राव की राजनीति पर कितना असर डालते हैं। यह आने वाला समय बताएगा।
भूपेंद्र यादव ने राजस्थान विधानसभा 2013 चुनाव में अहम भूमिका निभाई
मूलतया हरियाणा के गुरुग्राम इलाके के निवासी भूपेंद्र यादव के पिता लंबे समय तक रेलवे में अजमेर में कार्यरत रहे हैं। अजमेर में जन्मे भूपेन्द्र यादव वकालत के दौरान बीजेपी नेता अरुण जेटली के संपर्क में आए। उसके बाद यादव का राजनीतिक सफर हुआ। जेटली ने राम मंदिर केस से संबंधित जिम्मेदारी यादव को सौंपी। उसके बाद यादव का बीजेपी और संघ में उच्च स्तर पर संपर्क बढ़ा और वे आगे बढ़ते चले गए। वर्ष 2010 में वे बीजेपी संगठन में राष्ट्रीय मंत्री बनाए गए। एक बार राजनीति में आने के बाद यादव ने फिर पिछे मुड़कर नहीं देखा। उसके बाद यादव को राजस्थान से राज्यसभा भेजा गया। विधानसभा चुनाव-2013 में यादव ने राजस्थान में अहम भूमिका निभाई और बाद में पार्टी में अपना अलग मुकाम बनाया.
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