INSACOG के सलाहकार बोर्ड के सह-अध्यक्ष डॉ. सौमित्र दास ने विशेष बातचीत में बताया कि बढ़ते हुए कोविड-19 वैरिएंट, JN.1 ने इस छुट्टियों के मौसम में कई देशों में कहर बरपा दिया है. लेकिन भारत में कुछ भी ‘खतरनाक’ नहीं है. दास माइक्रोबायोलॉजिस्ट और भारतीय विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को हवाई अड्डों पर निगरानी बढ़ाने और एक बार फिर से कोविड-19 परीक्षण की व्यवस्था को ठीक करने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि ‘कोविड-19 मामलों के बढ़ने में कुछ भी असामान्य नहीं है और कुछ भी चिंताजनक नहीं है. नए मामले अधिकतर JN.1 वैरिएंट के हैं, जो BA2 का सब वैरिएंट है.’ चूंकि यह क्रिसमस और छुट्टियों का समय है, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की आवाजाही बढ़ जाती है. इस प्रकार यह वह समय बन जाता है जब रोगजनक भी सीमा पार कर जाते हैं और हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग महत्वपूर्ण हो जाती है. भारत में 8 दिसंबर को केरल के काराकुलम में पहला जेएन.1 मामला सामने आया. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, 18 नवंबर को किए गए आरटी-पीसीआर परीक्षण में 79 वर्षीय महिला का सैंपल निगेटिव पाया गया था, जिसमें कहा गया था कि उसे हल्के लक्षण थे. वह इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों से पीड़ित थे और कोविड-19 से उबर चुके थे. केरल में मामले की पहचान होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 16 दिसंबर को तैयारी के उपाय शुरू किए.