जिंदा रहने के लिए हर इंसान के पास हार्ट नाम की पंपिंग मशीन है. हार्ट से खून शुद्ध हो कर शरीर के अंग-अंग तक पहुंचता है. और इस खून के माध्यम से शरीर के नस-नस में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है. हार्ट तक धमनियों के माध्यम से खून पहुंचता है और इसके बाद यह पंप होकर सभी अंगों तक जाता है. लेकिन गतिहीन जीवनशैली और गलत खान-पान ने धमनियों में कोलेस्ट्रॉल नाम के विलेन को बढ़ा दिया है. यह बैड कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमा होने लगता है जिसके कारण खून सही से हार्ट तक नहीं पहुंचता है. इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कार्डिएक अरेस्ट, हार्ट फेल्योर जैसी बीमारियां होती है.
सर एचएन रिलायंस अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर मुंबई में कंसल्टेंट कार्डिएक सर्जन डॉ बिपिनचंद्र भाम्रे के मुताबिक हार्ट डिजीज के लक्षण बहुत ही चुपके से आते हैं. बहुत लोगों में इसका पता भी नहीं चलता. अगर सतर्कता रखी जाए तो इसके कुछ मामूली संकेत दिखते हैं.
हार्ट की बीमारी के शुरुआती लक्षण
1.छाती में कंजेशन-एचटी की खबर में सर एचएन रिलायंस अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर मुंबई में कंसल्टेंट कार्डिएक सर्जन डॉ बिपिनचंद्र भाम्रे ने बताया कि जब किसी पुरुष में हार्ट से संबंधित जटिलताएं आती हैं तो हार्ट के आसपास दर्द करने लगता है. यह दर्द अगर जल्दी न जाए तो यह हार्ट से जुड़ी बीमारियों की पहली निशानी हो सकती है. इसमें ऐसा लगता है कि छाती पर कुछ दबाव बढ़ गया है. इससे जलन भी महसूस हो सकती है. ऐसे में तुरंत सीबीसी और लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराएं.
2.गर्दन में दर्द और एंजाइना-जब हार्ट में कुछ गड़बड़ होता है तो इसका मतलब है कि बैड कोलेस्ट्रॉल ने घमनियों में अपना घर बना लिया है. इस स्थिति में यदि छाती में दर्द होता है तो यह दर्द बढ़कर गर्दन तक पहुंच जाता है. इसके साथ एंजाइना भी होने लगता है. गर्दन तक दर्द रूक नहीं रहा है और बहुत देर से हो रहा है तो यह हार्ट अटैक भी हो सकता है.
3.चक्कर या हल्कापन महसूस होना-हार्ट अटैक के लक्षणों में हल्कापन या कमजोरी आना भी शामिल है. इससे चक्कर भी आता है. आने की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. जब हार्ट सही से पंप नहीं करता है तब खून ब्रेन में सही से नहीं पहुंचता है. इस कारण चक्कर और शरीर हलका महसूस होने लगता है.
4.हाथों में दर्द होना-अगर छाती में शुरू हुआ दर्द हाथों में भी तेजी से फैल जाए तो यह हार्ट अटैक के लक्षण है. इसके साथ ही कंधे और हाथों में सुन्नापन और कमजोरी भी होने लगती है.
5. मतली आना-हार्ट डिजीज होने पर शुरुआत में एंजाइना, चक्कर के साथ-साथ कभी-कभी मतली जैसी भी होने लगती है. मन बेचैन रहता है. अगर अक्सर मतली आने लगे तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.
6. अपच और पेट दर्द-जी मितलाने के साथ ही हार्ट डिजीज के लक्षणों में सही से खाना न पचना और पेट में दर्द होना भी शामिल है. इन सबके बावजूद हार्ट डिजीज के लक्षण बहुत से लोगों में दिखते ही नहीं है. इसलिए बेहतर यही रहेगा कि 20-22 साल के बाद समय-समय पर लिपिड प्रोफाइल का टेस्ट कराते रहें ताकि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के शुरुआती दौर में ही इसका इलाज किया जा सके. इससे हार्ट अटैक से बचे रहेंगे.
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