केंद्र की मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर शौचालय पर काम किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी इस पर जोर शोर से काम कर रही है. लेकिन कम्युनिटी टॉयलेट बनाने को सरकार में बैठे अफसरों के अजीबों गरीब कारनामे लेकर सामने आ रहे हैं. हाल ही में जहां बस्ती जिले के कुदरहा ब्लॉक के ग्राम पंचायत गौरा धूंधा में एक साथ दो टॉयलेट सीट लगाने का मामला सामने आया था. तो अब जिले के रूधौली ब्लॉक के धंसा गांव में जिला पंचायत राज विभाग का एक और कारनामा सामने आया है. यहां पर एक कम्युनिटी टॉयलेट में दो नहीं बल्कि इस बार एक साथ 4 सीट लगाकर टॉयलेट बना दिया है. इसके बाद से प्रशासन की कार्यशैली पर फिर सवाल खड़े हो गए हैं.
बस्ती जिले के रूधौली ब्लॉक के धंसा गांव में जिला पंचायत राज विभाग ने समुदाय शौचालय में एक साथ चार सीट लगा दी हैं. एक चारदीवारी में एक साथ चार सीट का शौचालय इंजीनियरिंग का नायाब अजूबा बताया जा रहा है, वो भी बिना दरवाजे और बिना पार्टिशन के ही बनाया गया है. जरा सोचिए एक कमरे में एक साथ 4 लोग शौच के लिए जाएंगे तो उनकी निजता का क्या होगा. इसके अलावा 4 लोगों के एक साथ शौच करने से स्वास्थ्य को कितना नुकसान हो सकता है. इससे बीमारियों के फैलने का खतरा रहेगा. हालांकि कई महीने पहले बनकर तैयार सार्वजनिक शौचालय को अभी तक हैंडओवर नहीं किया गया है.
यह मामला एसडीएम रूधौली आनंद श्रीनेत के संज्ञान में है. इस पर उनसे फोन पर बातचीत की गई. उन्होंने बताया कि मैंने बीडीओ के साथ शौचालय की जांच की थी. एसडीएम ने कहा कि चार सीट के शौचालय के जांच का निर्देश दे दिए गए हैं. इस टॉयलेट ब्लॉक से संबंधित नक्शा मांगा गया है. बीडीओ ने बताया कि इस टॉयलेट ब्लॉक को बच्चों के लिए बनाया गया है. उन्होंने कहा कि अगर नक्शे और एस्टीमेट में इस तरह का है तो आगे दूसरी कार्रवाई की जाएगी, अगर नक्शे से अलग बनाया गया है तो बनाने वाले दोषी होंगे. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. एसडीएम ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही आधिकारिक तौर पर कुछ कहा जा सकता है. एसडीएम ने डिजाइन, नक्शा और एस्टीमेट से संबंधित फाइल भी तलब की है.
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