आरटीआई का हवाला देकर किया खुलासा

जनता को गुमराह करना छोड़कर जमीन पर खुद के भ्रष्टाचार को उजागर करे अधिकारी


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

दक्षिणी हरियाणा ग्रामीण उत्थान संस्था के प्रदेशाध्यक्ष  एवं सामाजिक कार्यकर्ता हरेंद्र यादव ने एक आरटीआई के माध्यम से डीटीपी की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। हरेंद्र यादव ने बताया कि उन्हें आरटीआई के माध्यम से जो जानकारी मिली है उसके हिसाब जिले में मात्र एक साल में ग्रामीण आंचल में 3700 के आसपास अवैध प्लाटिंग काटने वालों के खिलाफ स्योकोज नोटिस आर्डर के बाद एफआईआर अवैध निर्माण को तोड़ना प्रापटी डीलर अधिकारियों की मिलीभगत को उजागर करता है। अगर पीड़ितों को न्याय नहीं मिला तो वे कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। हरेंद्र यादव ने कागजात दिखाते हुए कहा कि बड़े बिल्डरों  से मिल गरीब जनता की गर्दन पर तलवार रखते है अधिकारी। जब अधिकारी को अवैध प्लाटिंग होने की सूचना मिलती है तो वो कार्यवाही करने की बजाय अवैध प्लाटिंग करने वाले को स्योकाज नोटिस उसके बाद आर्डर की कापी थमा उनसे मोटी रकम वसूल करने के बाद फाइलों को दबा देते है। ऐसे बहुत से लोग है जिन्होंने अधिकारी से मोटी रकम दी है जिसका शीघ्र ही नाम भी उजागर किया जाएगा।  यादव ने कहा कि दो महीने पहले जिला उपायुक्त से आरटीआई एक्ट के तहत 2020-21 में जिले में हो रही अवैध प्लाटिंग के बारे में जानकारी मांगी जिसमें कुछ जानकारी जो मिली है वो चैकाने वाली है कुछ अभी भी अधिकारियों ने नही दी है। जानकारी के अनुसार मात्र 6 महीने में ग्रामीण आंचल में अधिकारियों द्वारा बिल्डरों आमजन को उसे चार हजार के आसपास स्याकोज नाटिस आर्डर की कापी भेजी है मगर कार्यवाही के नाम पर विभाग शून्य है । सेवा शुल्क का जेब में पहुंचना और फाइलों का दब जाना एक आम बात है। अधिकारियों द्वारा कभी कभी अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही करेंगे का नाटक कर मात्र धन एकत्रित करना है। आज भी जिले में सैंकड़ों जगह अवैध प्लाटिंग हो रही है ऐसा नही है कि अधिकारियों की जानकारी में नही है इनकी टीम इतनी सक्रिय है कि बिल्डरों को नजरअंदाज कर प्लाट धारकों से मोटी रकम वसूलना एक आम बात है