उत्तर प्रदेश का दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए एक योजना पेश करने वाले हैं। आवारा पशुओं की समस्या विधानसभा चुनावों के दौरान काफ़ी ज़ोर-शोर से उठाई गई थी और इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के चुनाव प्रचार के समय कहा था कि वो दोबारा सत्ता में आए तो इसका समाधान करेंगे। अख़बार ने योजना के बारे में बताया है कि 100 दिनों के अंदर 50,000 आवारा जानवरों को शेल्टर मुहैया करवाया जाएगा. छह महीने में ये संख्या एक लाख तक जाएगी. इसके अलावा पूरे राज्य में गऊ अभयारण्य, 50 मेगा गऊ शेल्टर्स बनाए जाएंगे। अख़बार लिखता है कि हर ज़िला मैजिस्ट्रेट को लक्ष्य दिया गया है कि वो 15 अप्रैल से हर दिन कम से कम 10 आवारा गायों को शेल्टर में पहुंचाएं। अधिकारियों का कहना है कि यह योजना लंबे समय के लिए है न कि पिछली सरकारों की तरह सिर्फ़ थोड़े समय के लिए। सरकार के अगले एजेंडे में बायोगैस प्लांट स्थापित करना है जिसमें गाय के गोबर का इस्तेमाल करके सीएनजी बनाई जाएगी. यह पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत होगा. इन गाय के गोबर को सीधे किसानों से ख़रीदा जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव प्रचार के समय किसानों से वादा किया था कि अगर गाय दूध देना बंद कर देती है तो वो गोबर से आय लाएगी. उन्होंने कहा था कि इस लाभ के कारण लोग आवारा पशुओं को गोद लेंगे.अंग्रेज़ी अख़बार ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ ने अपनी विशेष रिपोर्ट में लिखा है कि शीतकालीन चरागाह से लौटे चरवाहों ने इसकी जानकारी दी है.
इसके साथ यह भी माना जा रहा है कि बीजिंग इस जगह पर इमारतें स्थापित करने और अपनी सैन्य मौजूदगी को विस्तार देने पर भी ध्यान दे सकता है. यह उन इलाक़ों में से एक है जहां पर साल 2020 से दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। लद्दाख़ स्वायत्त पहाड़ी परिषद के चुशुल का प्रतिनिधि करने वाले कोंचोक स्टेंज़िन ने बताया है कि इस तरह के दूरस्थ इलाक़े में चीन का मोबाइल टावर लगाना दिखाता है कि भारतीय हिस्से के सीमाई गांवों में संचार ढांचा बहुत ख़राब है। उन्होंने अख़बार से कहा, “इस तरह के अलग-थलग पड़े इलाक़े में वो (चीन) 4जी टावर लगा रहा है. उनके चरवाहे अब कनेक्टेड रहेंगे. हमारे चरवाहे जब अपने जानवरों के साथ निकलते हैं तो वो भटक जाते हैं. सिर्फ़ दो को छोड़कर सभी सीमाई गांवों में अभी भी 2जी सेवा है जिसमें भी सिग्नल की कमी रहती है.”