इसमें कोई शक नहीं पूंजीपतियों की लार भारतीय खेती पर टपक रही है
रणघोष खास. देशभर से पूरी दुनिया में कुछ बड़ी कंपनियां तय कर रही हैं कि कौन सी फसल उगाई जाएगी, कैसे उगाई जाएगी, उसमें क्या क्या पड़ेगा, और उसे कौन बेचेगा। इसका मतलब होगा ढेर सारे रसायनों से परिष्कृत …