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‘इस’ और ‘उस’ आपातकाल के बीच का असली सच क्या है?
नरेंद्र मोदी को आपातकाल के ‘काले दिनों’ और उस दौरान ‘लोकतांत्रिक मूल्यों’ को कुचले जाने की बात इसलिए नहीं करनी चाहिए कि कम से कम आज की परिस्थिति में ‘भक्तों’ के अलावा सामान्य नागरिक इसे गम्भीरता से…