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कलम कुछ कहती है…. मैट्रो को लेकर जागना मेरा सौभाग्य, आप सोते रहे यह आपका दुर्भाग्य..
रणघोष खास. प्रदीप हरीश नारायण हमारी जिंदगी में बेहतर बदलाव के लिए जिस 2009 की मैट्रो को दिल्ली- गुरुग्राम- रेवाड़ी- बावल के रास्ते अलवर तक दौड़ते हुए नजर आना चाहिए था। वह 14 साल तक हमारी एक आवाज को …