रणघोष अपडेट. देशभर से
जांच एजेंसी ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवैध खनन के मामले में समन किया है। ईडी ने सोरेन को गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया है।
ईडी का शिकंजा
ईडी ने इस साल जुलाई में हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था और लगभग 12 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। ईडी ने झारखंड में कई जगहों पर छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज और 5 करोड़ रुपए बरामद किए थे।
ईडी ने अगस्त के महीने में अवैध खनन के मामले में प्रेम प्रकाश नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था। प्रेम प्रकाश को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बेहद करीबी बताया जाता है। ईडी ने प्रेम प्रकाश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का भी मुकदमा दर्ज किया था।
ईडी ने अवैध खनन के मामले में झारखंड, बिहार, तमिलनाडु और दिल्ली-एनसीआर में 16 जगहों पर छापेमारी की थी। अवैध खनन के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी ईडी के रडार पर हैं।
ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला
हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए जून 2021 में अपने ही नाम खदान का पट्टा आवंटित कर लिया था। इसके खिलाफ बीजेपी नेता रघुवर दास व बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल से शिकायत की थी और कहा था कि इसमें ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बनता है। बीजेपी ने मांग की थी कि मुख्यमंत्री को अयोग्य घोषित कर दिया जाना चाहिए और भारत के संविधान के अनुच्छेद 191 (e) और रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल्स एक्ट की धारा 9ए का हवाला दिया था। बीजेपी की शिकायत पर राज्यपाल रमेश बैंस ने इस मामले को चुनाव आयोग को भेज दिया था। चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से इस मामले में विस्तृत ब्यौरा मांगा था और राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजा था। चुनाव आयोग ने खनन लाइसेंस से संबंधित दस्तावेजों के प्रमाणीकरण के अलावा लीज के नियमों और शर्तों का विवरण मांगा था।
विधानसभा से सदस्यता पर संशय
बताना होगा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा से सदस्यता के मामले में अभी तक राज्यपाल ने चुनाव आयोग के द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है, जिसे लेकर राज्य में असमंजस वाले हालात बने हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दोषी ठहराते हुए विधानसभा से उनकी अयोग्यता की सिफारिश की है। इसका मतलब यह है कि राज्यपाल द्वारा अयोग्यता के संबंध में नोटिफिकेशन जारी करने के बाद सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि मोदी सरकार विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें निशाना बना रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ईडी के सामने पेशी को लेकर भी कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर हमला बोला था।
ताबड़तोड़ छापेमारी
सितंबर में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। यह छापेमारी राजस्थान मध्याह्न भोजन कथित घोटाला मामले में की गई थी। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति के मामले में जांच एजेंसी ईडी दिल्ली-एनसीआर व कई शहरों में छापेमारी कर चुकी है। सीबीआई ने आबकारी नीति को लेकर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी और गाजियाबाद के पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच में स्थित उनके बैंक लॉकर को भी खंगाला था।