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गुम चोट होते हुए भी माता-पिता ने अपने दर्द को सांझा नहीं किया
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बावल की छात्राएं बता रही हैं रणघोष खास. हिमांशी की कलम से मेरा नाम हिमांशी है। स्कूल में 10 वीं की छात्रा हूं। पिता का नाम सुरेंद्र कुमार एवं माताजी सुमित्रा द…