रणघोष अपडेट. देशभर से
आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी और पवन कल्याण की पार्टी जेएसपी ने मंगलवार को अपना संयुक्त घोषणापत्र जारी किया है। ये दोनों पार्टियां यहां भाजपा के साथ गठबंधन कर के लोकसभा और राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं। इस घोषणापत्र पर नायडू और पवन कल्याण की तस्वीर है लेकिन पीएम मोदी की तस्वीर नहीं है। इसको लेकर अब सवाल उठ रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि इस साझा घोषणापत्र में पहले पीएम मोदी की तस्वीर भी लगाई गई थी लेकिन बाद में उसे हटा कर जारी किया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही इन दोनों पार्टियों के घोषणापत्र से पीएम मोदी की तस्वीर गायब क्यों है?
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक टीडीपी और जेएसपी के इस घोषणापत्र को लेकर आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा है कि घोषणापत्र के पुराने संस्करण में, पीएम मोदी के साथ चंद्रबाबू नायडू की तस्वीरें प्रमुखता से प्रदर्शित की गई थीं। लेकिन इससे पहले कि चंद्रबाबू नायडू अपना घोषणापत्र जारी करते, उन्हें भाजपा मुख्यालय से फोन आया और कहा गया कि इस पर पीएम मोदी की तस्वीर होना स्वीकार्य नहीं है। इसके बाद पीएम मोदी की तस्वीर इससे हटा दी गई है।
इससे पता चलता है कि उनके द्वारा किए गए वादे हकीकत से दूर हैं जिन्हें पूरा नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की इस टिप्पणी के बाद आंध्र प्रदेश में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या सच में दिल्ली से ऐसी कोई कॉल आई थी, अगर ऐसा नहीं भी हुआ तो पीएम मोदी की तस्वीर इस पर क्यों नहीं है? एनडीटीवी की रिपोर्ट कहती है कि एनडीए के नेताओं ने उनकी टिप्पणी को गठबंधन के भीतर “फूट पैदा करने” का प्रयास बताया है। घोषणापत्र जारी करने के समारोह का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें भाजपा के राज्य प्रभारी सिद्धार्थ नाथ सिंह को घोषणापत्र की एक प्रति स्वीकार करने से इंकार करते देखा जा सकता था। इसको लेकर भी सवाल उठ रहा है कि सिद्धार्थ नाथ सिंह ने घोषणापत्र की प्रति को हाथ में लेने से इंकार क्यों किया?
हालांकि चंद्रबाबू नायडू ने बाद में एक स्पष्टीकरण भी जारी किया। उन्होंने कहा, एनडीए के पास राष्ट्रीय स्तर पर एक घोषणापत्र है। टीडीपी और जन सेना अब बीजेपी से सलाह लेकर यह घोषणापत्र जारी कर रही हैं। उन्होंने कहा, घोषणापत्र में सभी दलों के विचार शामिल हैं। चंद्रबाबू नायडू इस साल की शुरुआत में एनडीए में लौट आए थे। इससे 6 वर्ष पहले वह आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से भाजपा के इनकार के विरोध में एनडीए को छोड़ कर गए थे।