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दादा बीमार थे, पिताजी 7 वीं तक पढ़ पाए, हम खुब पढ़े इसलिए मम्मी-पापा दिन रात मेहनत करते हैं..
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बावल की छात्राएं बता रही हैं रणघोष खास. ईशिका की कलम से मेरा नाम ईशिका है। मम्मी का नाम ओमवती और पिता का नाम राजेश है। मेरे दादाजी बहुत बीमार रहते थे इसलिए पित…