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नानी बीमारी थी इसलिए मां स्कूल नहीं देख पाईं, आज भी पापा के साथ मजदूरी कर हमें पढ़ा रही है
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बावल की छात्राएं बता रही हैं रणघोष खास. सुलमिता की कलम से मेरा नाम सुलमिता है। पिताजी का नाम विजय सिंह एवं माता जी का नाम ऊषा देवी है। मै 10 की छात्रा हूं। पाप…