रणघोष अपडेट. देशभर से
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने अधिकारियों से यह तय करने को कहा कि रैलियों में किसी भी समुदाय के खिलाफ कोई नफरत भरा भाषण न हो, या हिंसा या संपत्ति को नुकसान न हो, जहां जरूरत हो वहां अतिरिक्त बल तैनात करें और सभी संवेदनशील क्षेत्रों में घटनाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग करें। अदालत ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, यूपी, हरियाणा की सरकारों को ये निर्देश जारी किए हैं।इससे पहले बुधवार सुबह नूंह सांप्रदायिक हिंसा के बाद दिल्ली-एनसीआर में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल द्वारा घोषित रैलियों को रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई। वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने रैलियों को रोकने के लिए याचिका पर फौरन सुनवाई की मांग की। इस बीच दिल्ली एनसीआर में वीएचपी-बजरंग दल ने बुधवार को दिल्ली एनसीआर में जगह-जगह प्रदर्शन किए। ट्रैफिक जाम किया गया। कई जगह इससे जनता को परेशान हुई। दिल्ली के सीलमपुर और बदरपुर इलाके में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। दोनों ही जगहों पर समुदाय विशेष की अच्छी खासी आबादी है। वकील सीयू सिंह ने चीफ जस्टिस से कहा कि उन्होंने जस्टिस अनिरुद्ध बोस से शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने उसे सीजेआई के पास भेज दिया।याचिकाकर्ता ने इसे अस्थिर स्थिति बताते हुए कहा कि ”यह एक जरूरी मामला है।” सीजेआई ने तब कहा कि अदालत तुरंत आदेश पारित करेगी। चीफ जस्टिस ने कहा, ”हम संविधान पीठ में बैठे हैं। हमने अत्यावश्यक मामलों की त्वरित सुनवाई की व्यवस्था की है। आप रजिस्ट्रार के पास जाएँ।” इसलिए मामले को कुछ देर के लिए टाल दिया गया है। रजिस्ट्रार इसे शीघ्र सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे।