आने वाली है ऐसी ‘तबाही’ सड़क पर आ जाएंगे लोग
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय काफी मुश्किल दौर से गुजर रही है. पड़ोसी मुल्क का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका है और उसके पास आयात के लिए पैसा नहीं बचा है. ऐसे में फैक्ट्रियों व कारखानों के पास कच्चे माल की कमी हो रही है. इसका सीधा असर वहां काम करने वाले कर्मचारियों पर पड़ रहा है. दरअसल, कच्चे माल की कमी के कारण फैक्ट्रियों पर ताले लग गए है. खबरों के अनुसार, सुजूकी की स्थानीय इकाई ने 21 फरवरी तक काम बंद रखने का ऐलान किया है.
इसी तरह करीब 1 दर्जन कंपनियां हैं या जो या तो परिचालन पूरी तरह बंद कर चुकी हैं या फिर उनके काम में सुस्ती आ गई है. पैसों की कमी और महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए अब बेरोजगारी एक नई परेशानी का सबब बनकर उभरता दिख रहा है. अगर कारखाने इसी तरह बंद होते रहे तो और लोगों की नौकरियां दांव पर लगती जाएंगी. इससे पहले से जमीन पर अर्थव्यवस्था रसातल में चली जाएगी, जहां से लौटना पाकिस्तान के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा.
बेरोजगारी के काले बादल
आरिफ हबीब लिमिटेड में अनुसंधान और निवेश के प्रमुख ताहिर अब्बास का कहना है कि उन्होंने सूचीबद्ध कंपनियों के अचानक बंद होने जैसे मंजर पहले नहीं देखे हैं. उन्होंने कहा कि इससे देश का आर्थिक विकास तो प्रभावित होगा ही साथ ही बेरोजगारी की दर भी काफी बढ़ेगी. पाकिस्तान के एक निर्माता संगठन के अनुसार, प्रमुख कार कंपनी का प्लांट बंद हो जाने से कारों की बिक्री प्रभावित हुई है. इतना ही नहीं देश की बड़ी फार्मा कंपनियां वहां के प्राधिकरण को सूचित कर चुकी हैं कि उनके पास माल नहीं है इसलिए वह उत्पादन कर रही हैं. गौरतलब है कि पाकिस्तान में कई महीनों से महंगाई अपने चरम पर है. खाने-पीने की आधारभूत चीजें लोगों की आमदनी की हद से बाहर हो रही हैं. ऐसे में अब काम बंद होने के कारण लाखों लोगों की नौकरियों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. अगर ऐसा होता है तो ये बेरोजगारी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की कमर पूरी तरह तोड़ देगी.
किन कंपनियों में बंद हुआ काम
मनीकंट्रोल में छपे एक लेख के अनुसार, सुजूकी मोटर्स के अलावा घंधार टायर एंड रबर कंपनी में भी कच्चे माल की अनुपलब्धता को लेकर काम बंद कर दिया है. इनके अलावा जीएसके की पाकिस्तानी इकाई, एनग्रो फर्टिलाइजर्स, फौजी फर्टिलाइजर बिन कासिम लिमिटेड, निशात चुनियान लिमिटेड, अमरैली स्टील लिमिटेड, मिलेट ट्रैक्टर्स लिमिटेड और डायमंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने या तो अपना काम पूरी तरह बंद कर दिया है फिर उसे कुछ धीमा कर दिया है.