रणघोष अपडेट. देशभर से
पश्चिम बंगाल में ईडी के उन अधिकारियों को एक और झटका लगा है जिनकी टीम पर शुक्रवार को हमला हुआ था। पश्चिम बंगाल पुलिस ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली इलाके में ईडी के अधिकारियों पर हमले के संबंध में तीन एफआईआर दर्ज की ही, जिसमें से एक एजेंसी के अधिकारियों के ख़िलाफ़ है। ईडी अफ़सरों पर कथित आपराधिक अतिक्रमण और एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि दो अन्य एफ़आईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई हैं।ईडी के अधिकारियों पर शुक्रवार को भीड़ ने तब हमला किया था जब टीम कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में टीएमसी जिला परिषद सदस्य शाहजहां शेख के घर की तलाशी लेने गई थी। उस हमले के बाद यह राजनीतिक मुद्दा बन गया। विपक्षी दलों ने ममता सरकार पर हमला किया। भाजपा का आरोप है कि ईडी टीम पर जिस भीड़ ने शुक्रवार को हमला किया था, उसमें रोहिंग्या लोग भी शामिल थे और ये सभी तृणमूल कांग्रेस के वफादार हैं। भाजपा ने एनआईए से जांच की मांग की और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की।
केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने लिखा, ‘पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली में छापेमारी कर रही एक ईडी टीम को हिंसा का सामना करना पड़ा। टीएमसी नेता शाहजहां शेख के गांव में 100-200 ग्रामीणों के एक समूह ने हिंसक हमला किया। इस हमले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए जांच की तत्काल जरूरत है।’ईडी के अधिकारी राशन घोटाले की जांच के तहत शाहजहां शेख के आवास पर शुक्रवार को छापे मार रहे थे, तभी कथित तौर पर उनके समर्थक हिंसक हो गए। भीड़ ने अधिकारियों पर हमला किया और उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। ईडी ने इस मामले में अक्टूबर में पश्चिम बंगाल के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रियो मुलिक को गिरफ्तार किया था। ईडी ने कहा कि 800-1,000 लोगों की भीड़ ने ईडी अधिकारियों और उनके साथ आए 27 अर्धसैनिक बलों के जवानों पर लाठियों, पत्थरों और ईंटों से हमला किया, ईडी और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए। ईडी के वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।इस घटना को लेकर तीन एफ़आईआर दर्ज़ की गई हैं। द इंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि एक एफआईआर शेख के घर के केयरटेकर द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई, दूसरी शुक्रवार को दायर ईडी की शिकायत के आधार पर है और तीसरी स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज की गई। एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ईडी के अधिकारियों ने बिना कोई तलाशी वारंट दिखाए और कानून का उल्लंघन करते हुए टीएमसी नेता के आवास में जबरन घुसने का प्रयास किया।रिपोर्ट के अनुसार ईडी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 441 (आपराधिक अतिक्रमण), 379 (चोरी करने का इरादा) और 354 (एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) के तहत दर्ज की गई है। अधिकारियों ने कहा कि अन्य दो एफआईआर आईपीसी की धारा 147, 148, 149 (दंगा) और 353 (लोक सेवकों पर हमला) के तहत दर्ज की गईं।
हालाँकि, पुलिस अधिकारियों ने अख़बार की रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है। उन्होंने इससे इनकार भी नहीं किया है। न्याज़त पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी सुभाशीष प्रमाणिक ने अंग्रेजी अख़बार से कहा, ‘यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है। मैं एफआईआर के बारे में कुछ नहीं कह सकता। वैसे भी फिलहाल मैं थाने के बाहर हूं। इसलिए कृपया मुझे फोन न करें।’ इधर, ईडी ने शनिवार को टीएमसी जिला परिषद सदस्य और पार्टी संयोजक शाहजहां शेख और उनके चार भाइयों के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया है।