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लोभ, मोह, माया, काम आदि विकारों को त्याग कर कार्य करना ही वैराग्य है–आनंद मुनि
चरखी दादरी: वैराग्य का बहुधा अर्थ हममें से सन्यास को समझते है, लेकिन इसका विस्तृत रूप अगर हमे जानना व समझना है तो प्रभू भक्ति का मार्ग इसके लिए श्रेष्ठ है। हमारी संस्कृति सिखाती है कि जब हम इस संसा…