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सीधी सपाट बात : प्राइवेट स्कूली बसों को 10 दिन की छूट या एक महीने की, आइए मौत से पूछते है..
सात साल पहले बनी पॉलिसी पर कोई अमल नहीं। इसलिए उसे रददी की टोकरी में डाल देना चाहिए। मासूमों की मौत पर दो मिनट का मौन धारण कर एक नई घटना का इंतजार करना चाहिए। हर घटना के बाद छूट चाहिए आखिर क्या साब…