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सॉफ्ट से कट्टर बनने को मजबूर हुए दो “मुख्यमंत्री”, कट्टर हिंदुत्व क्या पूरी करेगा मुराद
राजनीति क्या न कराए, वाली कहावत इन दिनों दो नेताओं पर एक दम फिट बैठ रही है। एक नेता उदारीकरण और हाई टेक सुधारों के पैरोकार की छवि रखते हैं, तो दूसरे भाजपा में रहते हुए उदार छवि रखते हैं। और सबके मा…