स्त्री विमर्श के चलते शादी को निबाहने वाली औरतें मूर्ख, ग़ुलाम हैं!
यह गाँव नहीं जहाँ सम्बंध सम्भाल कर रखे जाते हैं, यह महानगर है जहाँ सम्बंध तो बहुत दूर की बात है, आदमी आदमी को नहीं पहचानना चाहता। शादी विवाह केवल जश्न हैं, सजावट के अवसर हैं, नाते रिश्ते और जन्म जन…