हनुमान चालीसा पाठ के पीछे कौन, एबीवीपी ने कहा-हमारा प्रोग्राम नहीं

अज़ान के समय हनुमान चालीसा का पाठ विवाद बढ़ता जा रहा है। तमाम संगठन अलग-अलग तरह से बयान देकर इस मामले को बढ़ा रहें हैं। यह विवाद दरअसल वाराणसी से शुरू हुआ था, जब वहां के कुछ लोकल हिन्दू संगठनों ने घोषणा की वो पांच वक्त होने वाली अज़ान के समय हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।अलीगढ़ के सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि बुधवार को उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व प्रदेश सचिव बलदेव चौधरी की ओर से एक ऐप्लिकेशन मिली, जिसमें उन्होंने अलीगढ़ में 21 स्थानों पर लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने की अनुमति मांगी है। जिला प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी है। अगर वे ऐसा करेंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बता दें कि एबीवीपी आरएसएस का छात्र संगठन है। आरएसएस के राष्ट्रीय मीडिया कन्वीनर सिद्धार्थ यादव ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए बयान में कहा कि अलीगढ़ में 21 स्थानों पर लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का कार्यक्रम एबीवीपी का नहीं है। हम इसका खंडन करते हैं। न ही हमने जिला प्रशासन से कोई अनुमति मांगी है। जिन बलदेव चौधरी ने अलीगढ़ में अनुमति मांगी है, उनका एबीवीपी से अब कोई संबंध नहीं है। वे फरवरी में हमारे साथ थे और हमारे पदाधिकारी थे, लेकिन अब वो हमारे संगठन में नहीं हैं। हालांकि बलदेव चौधरी का दावा है कि मैं 2014 से ही एबीवीपी से जुड़ा हूं और फरवरी 2022 तक सचिव था।