अदालतों के कामकाज पर पहले भी अंगुलियाँ उठ चुकी हैं, लेकिन ताज़ा मामला ज़्यादा गंभीर है यह बताने के लिए काफी है कि न्यायापालिका में सबकुछ एकदम ठीक नहीं है। कलकत्ता हाई कोर्ट के जज अरिंदम सिन्हा ने नारद घूसखोरी कांड में अदालत के कामकाज पर सवाल उठाते हुए एक चिट्ठी अपने वरिष्ठ जजों को लिखी है। जस्टिस सिन्हा ने लिखा है कि ‘हमारा व्यहार हाई कोर्ट के कमांड के अनुकूल नहीं है और हम मजाक बन कर रह गए हैं।’ उनकी इस चिट्ठी पर न्यायपालिका से जुड़े लोग स्तब्ध हैं।
सीबीआई की याचिका
जस्टिस सिन्हा ने आरोप लगाया कि नारदा घूसखोरी कांड को बंगाल के बाहर भेजने से जुड़ी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका को कलकत्ता हाईकोर्ट ने ग़लत तरीके से ‘रिट पीटिशन’ के रूप में शामिल कर लिया और इस कारण इसे सिंगल बेंच की जगह डिवीजन बेंच को सौंप दिया गया। उन्होंने इसके आगे लिखा है, ‘हाईकोर्ट को एक साथ काम करने की ज़रूरत है। हमारा व्यववहार उच्च न्यायालय के आचरण के खिलाफ़ है।’