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2 परिवारों में 300 रुपये के लिए 4 पीढ़ियों से बज रहे लट्ठ, किस बात का है कर्ज, किसी को पता नहीं, ‘युद्धविराम’ की उम्‍मीद भी नहीं
पैसे के लेनदेन को लेकर झगड़ा होना आम बात है. पर लड़ाई करने वाले दोनों ही पक्षों को यह पता होता है कि पैसे एक पक्ष को दूसरे पक्ष से क्‍यों लेने या देने हैं. लेकिन, गुजरात के सारकांठा जिले के दो आदिवास…