500 केसों पर PM मोदी ने किया था लॉकडाउन का ऐलान, अब एक शहर में इससे कहीं ज्यादा मामले

पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते साल 23 मार्च को ही कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया था। 24 मार्च को आधी रात से लॉकडाउन लागू हुआ था। तब देश के तमाम लोगों को ऐसा लगा था कि शायद इतना वक्त कोरोना को हराने के लिए काफी होगा। लेकिन लॉकडाउन दर लॉकडाउन लगते गए और पाबंदियां के दिन बढ़ते गए। हालांकि दिवाली के बाद से केसों में कुछ कमी दिखी थी, लेकिन एक बार फिर से मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। वैक्सीन आने के बाद से अब तक 4 करोड़ लोगों को भारत में टीका लग चुका है, लेकिन कोरोना की रफ्तार अब भी काफी अधिक है। मंगलवार को भी देश भर में 40 हजार से ज्यादा नए केस मिले हैं। बीते 24 घंटे में 40,715 नए केस सामने आए हैं, जबकि इस महामारी से एक दिन 199 लोगों की जान गई है। यहां तक कि मुंबई, नागपुर और पुणे जैसे शहरों में अकेले 3,000 से ज्यादा केस लगातार दर्ज किए जा रहे हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते साल जब लॉकडाउन का ऐलान किया था, तब देश भर में संक्रमण के 468 केस ही सामने आए थे। आज आंकड़ा  1,16,86,796 हो चुका है। यही नहीं एक्टिव केसों की संख्या भी फिलहाल 3.5 लाख के करीब है। इस महामारी के चलते भारत में अब तक 1 लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यही नहीं सबसे चिंताजनक बात यह है कि वैक्सीन के बाद भी कोरोना सिर उठा रहा है और हर दिन मामले बढ़ते जा रहे हैं। पॉजिटिविटी रेट अब रिकवरी रेट से फिर आगे निकल रहा है। खासतौर पर महाराष्ट्र के हालात चिंताजनक हैं, जहां हर दिन देश भर के कुल मामलों के 60 फीसदी के बराबर केस मिल रहे हैं। बीते 24 घंटे में महाराष्ट्र में कोरोना के 24 हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं।

दवाई के बाद ढिलाई के चलते हो रहा विस्फोट: बीते साल इसी दिन लॉकडाउन का ऐलान करते हुए पीएम मोदी ने कोरोना के फैलाव की तुलना जंगल की आग से की थी। पीएम मोदी ने कहा था, ‘पूरी दुनिया में वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है। यह जंगल में लगी आग की तरह फैल रहा है। दुनिया भर के देशों के अनुभवों को देखते हुए और एक्सपर्ट्स की राय के मुताबिक इसे हराने का एक ही तरीका है, सोशल डिस्टेंसिंग।’ इसके साथ ही उन्होंने नारा दिया था, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। लेकिन एक बार फिर से कोरोना केसों में इजाफा हो रहा है और इसे लेकर अथॉरिटीज का यही कहना है कि दवाई आने के बाद ढिलाई शुरू हुई है, जिसके चलते कोरोना का विस्फोट हुआ है।

अब कहां खड़ा है भारत: कोरोना के खिलाफ जंग में भारत की आज की स्थिति देखें तो जमैका से लेकर कनाडा तक भारत ने तमाम देशों को वैक्सीन के जरिए मदद की है। इसके अलावा भारत में भी टेस्टिंग में तेजी आई है और वैक्सीनेशन का आंकड़ा भी 4.84 करोड़ के पार पहुंच गया है। देश भर में 2,400 लैबोरेट्रीज में कोरोना की टेस्टिंग चल रही है। इसके अलावा कोविशील्ड और कोवैक्सीन के नाम से दो वैक्सीनों के जरिए भारत ने बढ़त कायम की है। लेकिन एक बार फिर से बढ़ते मामले यह चिंता भी बढ़ा रहे हैं कि क्या एक बार फिर से लॉकडाउन जैसी स्थिति की जरूरत है ताकि कोरोना पर काबू पाया जा सके और वैक्सीनेशन के बाद ही जिंदगी पटरी पर लाई जाए।

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