पहले बिजली निगम ने कहा 34 लाख दो बदल देंगे हाईवोल्टेज तारें, जब संघर्ष तेज किया तो इसी निगम ने अपने खर्चे से बदल दी तारें
इस मानसिकता को खत्म करना होगा कि सरकारी महकमें के आदेश ही सर्वोपरि और जनहित से जुड़े होते हैं। अगर आप सही है और संघर्ष करने की क्षमता है तो जीत आपकी तय है। आज से 6 साल पहले शहर की 9 कालोनियों के नागरिकों ने हजारों घरों के ऊपर से गुजर रही हाईवोल्टेज तारों को हटवाने के लिए पहल शुरू की तो बिजली निगम ने इसके बदले 34 लाख रुपए का एस्टीमेट बनाकर थमा दिया। निगम ने कहा कि यह राशि जमा करा दो हम तार हटा देंगे। निगम की दादागिरी देखिए जब तारें डाली जा रही थी उस समय वे भूल गए कि घरों के ऊपर से गुजरने वाली ये तारें किसी जान भी ले सकते है। ऐसा हुआ भी। इन तारों की चपेट में आने से कुछ लोगों की मौत हो गईं और तीर से चार लोग आज भी विकलांगता का जीवन जीने को मजबूर है। इस ज्वलंत मुद्दे को प्रमुखता के साथ उठाने वाले समाजसेवी महेश यादव उर्फ राजा ने पहले लिखित में निगम के अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया। उसके बाद कुछ नहीं हुआ तो लोग केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव से मिले। ये तार वार्ड 4 से 7 वार्डों की कालोनियां आनंद नगर, अर्जुन नगर, शांति नगर, साधुशाह नगर, मधु विहार, घीसा की ढाणी, महाबीर नगर, सरस्वती विहार, विकास नगर के घरों के ऊपर से गुजर रहे थे। महेश यादव ने बताया कि शुरूआत में बिजली निगम के अधिकारी इन तारों को हटवाने के लिए टाल मटोल करते रहे। उसके बाद केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया तो स्थिति बदलती चली गईं। जो अधिकारी तार हटाने के नाम पर 34 लाख रुपए मांग रहे थे वहीं अब सरकारी खर्चें से तार हटा रहे हैं। लगभग कार्य पूरा होने जा रहा है। इस शानदार कामयाबी पर नागरिकों ने लड्डू बांटकर एक दूसरे को बधाई दी। मास्टर बलवंत सिंह, रामकुंवार, राजेंद्र, राजेश कुमार, प्यारेलाल सहगल, जितेंद्र सहगल, सन्नु सहगल, सुमेर सिंह पूर्व पार्षद, सतपाल ने कहा कि निगम की कोताही की वजह से कुछ लोगों की जानें चली गईं और कुछ घायल होकर परेशानियों से भरा जीवन जीने को मजबूर है। अगर यह कार्य निगम पहले कर देता तो क्या हो जाता। इन्हीं सरकारी सिस्टम की वजह से जनता का भरोसा खत्म होता जा रहा है।