7 फरवरी को राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी कितलाना टोल पर होंगे महापंचायत में शरीक

अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन ने किया किसान आंदोलन का समर्थन


संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत और सरदार गुरनाम सिंह चढूनी 7 फरवरी को सुबह 11 बजे कितलाना टोल पर किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे। इस बात का ऐलान आज कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चित कालीन धरने पर विभिन्न खापों, सामाजिक, किसान और कर्मचारी संगठनों की बैठक के बाद किया गया। किसान नेताओं ने कहा कि ये महापंचायत ऐतिहासिक होगी और भीड़ के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए सरकार को जागने पर मजबूर कर देगी। उन्होंने कहा कि पंचायत के इंतजामों को लेकर अलग अलग जिम्मेदारियां सौंप दी गई है।दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि आंदोलन अब अपनी चरम सीमा पर है। उन्होंने कहा कि 7 फरवरी की महापंचायत इस आंदोलन का टर्निंग पॉइंट बनेगी। जिसमें विभिन्न खापों के साथ किसान, सामाजिक और कर्मचारी संगठनों का सहयोग रहेगा। वहीं धरने पर  किसान नेताओं ने 6 जनवरी के संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर दोपहर 12 से 3 के चक्का जाम को लेकर निजी स्कूल संचालकों से आग्रह किया गया कि वे अपने  अपने स्कूल की छुट्टी 3 बजे करें ताकि बच्चों को कोई परेशानी ना हो। वक्ताओं ने कहा कि ये जाम सरकार को हिलाकर रख देगा।  दादरी अनाज मंडी की आढ़ती एसोसिएशन ने शुक्रवार धरने को समर्थन दिया। इस मौके पर महासचिव विनोद गर्ग, उपप्रधान राधेश्याम हड़ोदिया व कोषाध्यक्ष सुरेंद्र अटेलिया ने कहा कि तीनों काले कानून लागू होने से सरकारी मंडी बंद हो जाएंगी। एमएसपी खत्म होने से किसान और आढ़ती दोनों पर बड़ी मार पड़ेगी। इसलिए ये हमारा सांझा संघर्ष है और इसमें जीतकर ही दम लेंगे। भिवानी बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान देवेंद्र श्योराण सोढ़ी और अधिवक्ता ब्रह्मानंद ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जो भी किसान भाइयों पर मुकदमे बनेंगे। उनकी वो और उनके साथी वकील निशुल्क पैरवी करेंगे।कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 43वें दिन नरसिंह डीपीई, बलवंत नंबरदार, गंगाराम श्योराण, सुभाष यादव,  रणधीर कुंगड़, रत्तन जिंदल, दिलबाग ग्रेवाल, राजेश देवी झोझूकलां ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। आज भी टोल फ्री रहा। महिलाओं की भी उल्लेखनीय भागेदारी रही। मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया।  इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, सुरेश फौगाट, प्रभुराम गोदारा, राजू मान, जगबीर घसोला, कमल प्रधान, सत्यवान बलियाली, धर्मपाल महराणा, शमशेर फौगाट, धर्मेन्द्र छपार, बलबीर बजाड़, मास्टर राज सिंह, नरेश धनोदा, सूशील मकड़ाना, वेदपाल सांगवान, देवेंद्र घसोला, सचिन पिचोपा, प्रतापचन्द, सचिन झिंझर, नरेश गोरिया, संजय कानेजर, पप्पू खेड़ी सनवाल, सुरेंद्र कुब्जानगर, मुकेश पहाड़ी, कृष्णा सांगवान, बीरमति, मूर्ति देवी, सूबेदार सत्यवीर सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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