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लोकतंत्र की आड़ में वीआइपी संस्कृति चला रही देश को, इसे समझिए
रणघोष खास. कुलदीप कुमार हमने पश्चिमी देशों से लोकतंत्र का ‘तंत्र’ तो ले लिया लेकिन उसे ‘लोक’ से दूर कर दिया। लोकतंत्र का बुनियादी मूल्य सभी नागरिकों की समानता है। लेकिन भारत में स्थिति इससे बिल्कु…