पेगासस जासूसी कांड पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती

 केंद्र का हलफनामा दाखिल करने से इनकार, कहा- यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं


 रणघोष अपडेट. देशभर से 

देश के चर्चित पेगासस जासूसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने स्पष्ट कहा कि वह इस मामले में हलफनामा दाखिल नहीं करने जा रही है। सरकार का कहना है कि यह पब्लिक डोमेन का मामला नहीं है इसलिए हलफनामा दाखिल नहीं कर सकते। केंद्र ने कहा कि उसके पास छिपाने को कुछ नहीं है और इस वजह से उसने अपनी ओर से विशेषज्ञों की समिति का गठन करने की बात कही है। 

केंद्र ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि उसके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और इसलिए सरकार ने खुद ही कहा है कि वह इन आरोपों की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करेगी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र के खिलाफ सख्ती दिखाई है। चीफ जस्टिस एन वी रमना ने सीधे तौर पर कहा है कि कोर्ट जानना चाहती है कि सरकार इस मामले पर क्या कर रही है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि सरकार द्वारा किसी विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है या नहीं, यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं है और इस जानकारी को हलफनामे का हिस्सा बनाना राष्ट्रीय हित में नहीं होगा। मेहता ने कहा कि डोमेन विशेषज्ञों की समिति की रिपोर्ट शीर्ष अदालत के समक्ष रखी जाएगी। शीर्ष अदालत ने मेहता से कहा कि वह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह नहीं चाहती कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली किसी भी बात का खुलासा करे। सुनवाई के बाद मामले में फैसले को सुरक्षित रख लिया गया है।

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