कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज का निधन, 83 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

भारत के साथ-साथ दुनियाभर में अपने कथक के लिए मशहूर पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज का निधन हो गया। उनकी पोती ने इस बात की जानकारी दी। पद्म विभूषण बिरजू महाराज ने सोमवार तड़के अंतिम सांस ली। वह अगले महीने 84 साल के होने वाले थे। जानकारी मिलने के तुरंत बाद गायक अदनान सामी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा किया।रागिनी महाराज ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि रात के खाने के बाद वे अंताक्षरी खेल रहे थे, तभी अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी पोती ने कहा कि संभवत: कार्डियक अरेस्ट से उनकी मृत्यु हो गई। उनके परिजनों ने बताया कि कुछ दिन पहले ही महाराज को गुर्दे की बीमारी का पता चला था। उनका इलाज चल रहा था।कथक नर्तक बिरजू महाराज को साल 1983 में भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया। पद्म सम्मान के अलावा बिरजू महाराज को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला है। बिरजू महाराज को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ यूनिवर्सिटी से डॉक्रेट की मानद उपाधि भी दी गई थी। इसके अलावा साल 2012 में फिल्म विश्वरूपम में डांस कोरियोग्रोफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। वहीं साल 2016 में बाजी राव मस्तानी के मोहे रंग दे लाल गाने की कोरियोग्राफी के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिया जा चुका है। बिरजू महाराज ने माधुरी दीक्षित, दीपिका पादूकोण जैसे कई फिल्मी हस्तियों को कोरियाग्राफ किया था।जानकारी के मुताबिक मशहूर नर्तक बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में हुआ था। लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्रा था। वह कथक करने के साथ-साथ शास्त्रीय गायक भी थे। बिरजू महाराज के पहले उनके पिता और गुरू अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी कथक के प्रसिद्ध नर्तक थे।

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