पिताजी का काम छूट गया तो मां मजदूरी कर हमें पढ़ाती रही, वह हमारी खुशी को ही अपना मान लेती है

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बावल की छात्राएं बता रही हैं अपने माता-पिता के जीवन से…

मेरे माता-पिता हमारे बचपन में अपना बचपन देखते हैँ, उनका तो दो वक्त की रोटी खा गईं

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बावल की छात्राएं बता रही हैं अपने माता-पिता के जीवन से…

माता-पिता दिन रात मजदूरी करते हैं ताकि हम अच्छी पढ़ाई करें, हमने उन्हें कभी आराम करते हुए नहीं देखा

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बावल की छात्राएं बता रही हैं अपने माता-पिता के जीवन से…

बचपन में टॉफी तक नसीब नहीं हुईं, कभी खेली नहीं, छोटी सी थी नानी चल बसी, मेरी मम्मी को सलाम

  राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बावल की छात्राएं बता रही हैं अपने माता-पिता के जीवन…

मुझे गर्व है मेरे माता-पिता के संघर्ष पर

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बावल की छात्राएं बता रही हैं  अपने माता-पिता के जीवन से…

मुझे गर्व है मेरे माता-पिता के संघर्ष पर

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बावल की छात्राएं बता रही हैं  अपने माता-पिता के जीवन से…