रणघोष अपडेट. पटना से
बिहार में फिर से युवकों को कड़ाके की ठंड में जमकर पीटा गया। उन पर पानी की बौछार भी की गई। युवक बिहार सिविल परीक्षा दे चुके हैं और पेपर लीक होने की वजह से दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे हैं। इस परीक्षा को बिहार लोक सेवा आयोग ने आयोजित किया था। युवक जब मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ना चाहते थे तो पुलिस ने उन्हें रोका और लाठीचार्ज किया। लेकिन विवाद के केंद्र में जनसुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर आ गये हैं। जिन पर युवको को उकसाने का आरोप है और लाठी चार्ज होने पर वो उस जगह से गायब हो गये। जबकि उन्होंने कहा था कि पहली लाठी उन्हीं को पड़ेगी।युवकों का कहना है कि जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने के मकसद से युवकों को पटना के गांधी मैदान में बुलाया था और मार्च का नेतृत्व किया था। पुलिस ने जब बेली रोड के रास्ते पर सीएम हाउस की ओर जाने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग कर दी तो किशोर जेपी गोलचक्कर के पास धरने पर बैठ गए। लेकिन जब पुलिस ने पानी की बौछारें युवकों पर डालीं और लाठी से पीटने लगे तो प्रशांत किशोर वहां से चुपचाप खिसक गये।जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने के मकसद से छात्रों को पटना के गांधी मैदान में बुलाया था और मार्च का नेतृत्व किया। पुलिस ने जब बेली रोड के रास्ते पर सीएम हाउस की ओर जाने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग कर दिया तो प्रशांत किशोर जेपी गोलचक्कर के पास धरने पर बैठ गए। लेकिन पुलिस जब प्रदर्शनकारियों को पीटने लगी और पानी की बौछारें छोड़ने लगी तो किशोर वहां से चुपचाप गायब हो गये।बड़े छात्र विरोध प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने प्रशांत किशोर, उनकी जन सुराज पार्टी के नेताओं, कुछ कोचिंग सेंटर मालिकों और 700 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस मामला दर्ज किया है। उन पर “अनधिकृत रूप से” लोगों को इकट्ठा करने, उन्हें भड़काने और कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने कहा कि जन सुराज पार्टी ने भी बिना अनुमति के विरोध मार्च निकाला था और पटना के गांधी मैदान के पास भीड़ का नेतृत्व किया था, जो हिंसक हो गई थी। पुलिस के लाउडस्पीकर तोड़ दिए थे और ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेटों और पुलिस अधिकारियों के साथ झड़प हुई थी। पुलिस ने कहा, “प्रशासन के बार-बार अनुरोध के बावजूद, इन लोगों ने प्रशासन के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित किया।प्रशांत किशोर ने कहा कि “बीपीएससी सिर्फ एक केंद्र के लिए परीक्षा कैसे पुनर्निर्धारित कर सकता है? कई अन्य केंद्रों पर प्रश्नपत्रों के देरी से वितरण, सीसीटीवी कैमरों और जैमर काम न करने की शिकायतें थीं। इसलिए फैसला तो सभी केंद्रों के लिए होना था। सभी 912 परीक्षा केंद्रों के लिए नए सिरे से प्रीलिम्स की मांग करना छात्रों के लिए उचित है।” बता दें कि प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार रहे हैं। लेकिन अब अपनी पार्टी बनाकर राजनीति में उतर आये हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को उकसाया और लाठीचार्ज होने पर वहां से चले गये। युवकों ने उन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। लगभग 3.8 लाख छात्रों ने 13 दिसंबर को BPSC प्रारंभिक परीक्षा दी थी। रविवार को प्रदर्शनकारियों को मुख्यमंत्री से मिलने से रोके जाने के बाद पटना प्रशासन ने उन्हें सलाह दी कि पांच अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मिल सकता है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने विरोध करने वाले अभ्यर्थियों का समर्थन किया है और बीपीएससी से नए सिरे से प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करने का आह्वान किया है। इससे पहले, पटना के प्रमुख शिक्षक खान सर और गुरु रहमान और पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी प्रदर्शनकारियों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है और उनके साथ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया है। हालांकि, बीपीएससी के एक अधिकारी ने कहा है कि पटना में सिर्फ एक केंद्र पर प्रश्नपत्रों के वितरण में देरी के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं, जहां दोबारा परीक्षा का आदेश दिया गया है। अधिकारी ने कहा, ”हम छात्रों के आरोपों पर भरोसा नहीं कर सकते और सभी केंद्रों पर आयोजित परीक्षा रद्द नहीं कर सकते।”