पहले धारूहेड़ा का इतिहास पढ़ ले, पता चल जाएगा मान सिंह कौन है
भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष संदीप बोहरा के बयान पर धारूहेड़ा जेलदार परिवार ने पलटवार किया है। जैसे ही भाजपा- जेजेपी गठबंधन से धारूहेड़ा सीट पर जेजेपी उम्मीदवार के तौर पर मान सिंह की घोषणा की तो संदीप बोहरा ने हमला करते हुए कहा कि जनता पूछ रही है। यह उम्मीदवार कौन है। कब जनता के बीच में उनके हकों की लड़ाई लड़ता हुआ नजर आया। इसके बाद जेजेपी के जिला अध्यक्ष श्याम सुंदर सभ्ररवाल एवं मान सिंह के पिता मंजीत जेलदार ने पलटवार किया है। जेजेपी प्रधान ने कहा कि जिसे धारूहेड़ा के इतिहास का नहीं पता वे क्या राजनीति करेंगे। संदीप बोहरा ने 17 एकड़ जमीन जुताई के लिए किसकी ले रखी है वह बताए पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि देशभर की अनेक यादव धर्मशालाओं को बनवाने में इस जेलदार परिवार का विशेष योगदान रहा है। धारूहेड़ा में धर्मशाला, अहीर कॉलेज में छात्रावास एवं सामान्य अस्पताल के लिए नि:शुल्क जमीन इसी परिवार ने दी है। इतना ही नहीं स्वतंत्रता सेनानी राव तुलाराम के साथ उनके बुजुर्ग राव जगत सिंह ने अंग्रेजों से दो दो हाथ किए थे। परिवार से राव छाजुराम देश की पहली यादव सभा के प्रधान बने थे। खुद राव मंजीत सिंह 2004 से बसपा की टिकट से रेवाड़ी विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। गुरुग्राम लोकसभा सीट के प्रभारी रहे हैं। उनके परिवार से ही धारूहेड़ा के दो बार सरपंच एवं नपा चेयरमैन रहे हैं। इसलिए यह कहना कि मान सिंह कौन है। इससे साफ जाहिर होता है कि संदीप बोहरा चुनाव लडऩे से पहले ही बौखला चुके हैं।