बड़ी खबर : या तो यह खबर झूठी साबित होगी या आईजीयू का पर्दाफाश हो जाएगा

 गुरुवार रात को 25 अभ्यार्थियों की ज्वाइनिंग से पहले लिस्ट रणघोष के पास पहुंची


 रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी मीरपुर अपनी स्थापना के बाद से आज तक बेहतर शिक्षा प्रणाली की बजाय अलग अलग वजहों से अपनी छवि को बिखेरती जा रही है। गुरुवार रात 8 बजे आईजीयू के कुछ शिक्षकों ने एक बड़ा खुलासा किया है। अगर वह सही साबित हो गया तो समझ जाइए इस विवि में महज इमारतों के अलावा कुछ नही बचा है। अगर यह झूठा पाया गया तो आईजीयू में कार्यरत शिक्षकों की मानसिकता उजागर हो जाएगी जो अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। रणघोष जो मामला सामने ला रहा है। उसका मजबूत आधार नेशनल कमीशन फॉर शैडयूलड कास्ट व राज्यपाल को भेजी शिकायत है। ऐसा करने वालों में आईजीयू में रिसोर्स पर्सन के तौर पर कार्यरत शिक्षक व उनका संगठन है।  

रणघोष को भेजी मेल में विधि विभाग में रिसोर्स प्रर्सन डॉ. मनीष कुमार ने बताया की इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर में इकोनॉमिक्स विभाग में एक सहायक प्रोफेसर ने प्रोफेसर के पद पर अपना फॉर्म भरा था साथ ही इनको राजनीति शास्त्र विभाग में होने वाली भर्ती में एससी का नॉमिनी बनाकर बैठाया गया था जो कि सरासर नियमों का उल्लंघन है। ये सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं जबकि विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पद पर भी एससी कैंडिडेट कार्यरत हैं। राजनीति शास्त्र विभाग से भी डेपुटेशन पर आए एक एसोसिएट प्रोफेसर ने नियमित इस पद के लिए अप्लाई किया हुआ है जबकि ये भी भर्ती प्रक्रिया में बैठे थे ।जो व्यक्ति खुद किसी भी पद के लिए साक्षात्कार देने वाला है और साथ ही भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकता, ये सरासर नियमों का उल्लंघन और माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के खिलाफ है जो कि कोर्ट ने निम्न केस में दिए थे। कुछ शिकायतकतार्ओं ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया की भर्ती प्रक्रिया के दौरान कुल सचिव दो दिन के अवकाश पर है। इसलिए ऐसी क्या जल्दबाजी की जा रही है की इन दो दिनों के लिए कार्यवाहक कुल सचिव नियुक्त किया गया है। डॉ. मनीष कुमार का कहना है की उनकी शिकायत पर कमीशन ने एक्शन ले लिया है। एक कमेटी का गठन किया गया है जिसकी जिम्मेदारी एक आईएएस अधिकारी को दी गई है। उन्होंने कहा की भर्ती प्रक्रिया को लेकर वे वाइस चांसलर को भी समय समय पर अवगत कराते रहे हैं। इसी तरह इंदिरा गांधी अनुबंधित शिक्षक एसोसिएशन भी इस मामले को पूरी तरह से सक्रिय हो गई है।

  दावा किया जा रहा है इन शिक्षकों का चयन हो चुका है

 जिन शिक्षकों का चयन होने का दावा किया गया है। ऐसे में  उसकी ज्वाइनिंग होने से पहले उनके नामों का सार्वजनिक होना कई सवाल खड़े करता है। अब देखना यह है शिकायतकर्ताओं का दावा कितना सही साबित होता है। अलग अलग पदों पर  चयनित होने वाले शिक्षकों में डॉ. हेमंत कुमार यादव, डॉ. कुसुम मुकेश यादव, बलविंद्र, मोनिका, जागिर नागर, डॉ. दीपक गुप्ता, अनिता यादव, मेघा सैनी, संदीप, अविनाश, स्नेहलता यादव, सोनाली बतरा, नीता सोलंकी, संजीव, शिवानी, प्रतिभा, प्रिया,  संजीव, सुमेग, विक्रांत, पवन, नवनीत, संदीप विशेष तौर से शामिल है।