BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने की ओर एक कदम और बढ़ी, तेलंगाना में एन. रामचंद्र को कमान

तेलंगाना में एन. रामचंद्र राव भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष होंगे। आज शाम तक या फिर कल सुबह यानी 1 जुलाई को इसका ऐलान हो सकता है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार अकेले एन. रामचंद्र राव ने ही प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया है। भाजपा ने रविवार को ही प्रदेश अध्यक्ष चुनने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। अब सोमवार को दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक नामांकन स्वीकार किए जाएंगे। इसके बाद 4 से 5 तक नामांकन वापसी का समय रहेगा। इसके बाद बचे हुए उम्मीदवारों के बीच चुनाव होगा और नए अध्यक्ष का ऐलान हो जाएगा। अब तक मिली जानकारी के अनुसार जब अकेले रामचंद्र राव ने ही नामांकन किया है तो फिर उनका अध्यक्ष चुना जाना भी तय माना जा रहा है।

रामचंद्र राव ब्राह्मण समुदाय से आते हैं और आरएसएस के पुराने स्वयंसेवक रहे हैं। पेशे से वकील एन. रामचंद्र राव ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में भी छात्र नेता के तौर पर काम किया है। वह जी. किशन रेड्डी की जगह लेंगे, जो बंदी संजय कुमार की जगह जुलाई 2023 में प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे। प्रदेश अध्यक्ष की रेस में पूर्व भाजपा विधायक ई, राजेंद्र और डी. अरविंद को भी माना जा रहा था, लेकिन अब रामचंद्र राव के नाम पर ही सहमति बनती दिख रही है। अब तेलंगाना का प्रदेश अध्यक्ष चुनने के साथ ही भाजपा ने अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष तय करने की ओर एक कदम और बढ़ा दिया है।

यूपी, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव और हो जाए तो फिर भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व में बदलाव करेगी। जेपी नड्डा लगातार कार्य़काल विस्तार पर हैं और अब अगस्त तक उनका विकल्प तलाशने की कोशिशें तेज हैं। उससे पहले यूपी और महाराष्ट्र में निर्णय लेना कठिन हो रहा है। इसकी वजह है कि दोनों ही बड़े राज्य हैं और यहां सत्ता एवं संगठन के समीकरण साधने हैं। इसके अलावा सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश भी पार्टी करेगी। बता दें कि जी. किशन रेड्डी फिलहाल केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं। ऐसे में अब उनका अध्यक्ष पद से हटना तय माना जा रहा था और उनके विकल्प की तलाश हो रही थी।

कौन हैं एन. रामचंद्र राव

66 साल के एन. रामचंद्र राव पेशे से वकील हैं। वह तेलंगाना विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अलावा राज्य में सदस्यता अभियान के प्रभारी भी रहे थे। राव ने 1985 में अपनी वकालत की प्रैक्टिस शुरू की थी और वह 2014 में बार काउंसिल के निर्वाचित सदस्य भी बने थे। अविभाजित आंध्र प्रदेश में वह प्रदेश महासचिव रह चुके हैं और मुख्य प्रवक्ता भी रहे हैं। इस तरह उनका संगठन में काम करने का पुराना अनुभव है और वैचारिक तौर पर भी बेहद परिपक्व माने जाते हैं। उनके बेटे अवनीश भी तेलंगाना हाई कोर्ट में वकील हैं, जबकि बेटे अमुक्ता ऑस्ट्रेलिया में आईटी सेक्टर में काम कर रही हैं।