राजनीति के सावन में नहाता रहा सतीश यादव आज भी प्यासा..
रणघोष खास. सुभाष चौधरी
हरियाणा में होने जा रहा विधानसभा चुनाव सावन की तरह घटा बिखरने लगा है। प्रचार प्रसार बारिश की तरह कही कम तो कही ज्यादा नजर आने लगा है। रेवाड़ी विधानसभा सीट पर एक नेता ऐसा भी है जो हर बार राजनीति सावन में जमकर नहाता रहा है लेकिन फिर भी वह प्यासा है।
बात हो रही है पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव की। जिसके राजनीति बायाडोटा पर संघर्ष ने अभी तक कब्जा किया हुआ है। जीत एक बार जिला प्रमुख बनने के समय नजर आई उसके बाद इस नेता की कुर्सी के लिए लगातार परिक्रमा लगवा रही है। इस बार के चुनाव में भी सतीश ने एलान कर दिया है की वे थके हुए नही है और ना ही हताश है। शहर के हालात और क्षेत्र की बदहाली को लेकर चुप बैठने वाले नहीं है। चुनाव में उनकी आवाज इसलिए तेज हो जाती है की यहां के जनप्रतिनिधियों से हिसाब मांगा जाए। जिसे यहां की जनता ने पांच साल पहले बेहतर बदलाव की सोच के साथ अपना वोट दिया था। उम्मीदों पर खरा नही उतरे ये लोग चालाकी से मतदाताओं को दुबारा नही ठग ले इसलिए उन्हें आमजन की आवाज की ताकत बनने के लिए मैदान में उतरना पड़ता है। सतीश यादव की तीन खुबियों ने उन्हें आज तक राजनीति में जिंदा रखा हुआ है। पहला वे फ्रंट पर आकर डंके की चोट पर बात कहने में पीछे नही हटते। दूसरा अनावश्यक किसी दबाव को बर्दास्त नही करते और तीसरा किसी ना किसी मसले पर लोगों के बीच अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहते हैं। तरह तरह के विवादों और आरोप प्रत्यारोप में रहकर भी पूरी जिम्मेदारी के साथ पाक साफ निकल जाते हैं। दरबारी राजनीति इस नेता की फिदरत में नही है इसलिए राजनीति में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को अपना बड़ा भाई मानते हुए भी जमकर हमला करने में कभी पीछे नही हटे। अपने विरोधियों को मौके पर ही आईना दिखाने की हिम्मत दिखाने की वजह से उनके खिलाफ उठने वाला शोर भी ज्यादा समय तक नही रहता। यही वजह है की पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव एवं उनके विधायक बेटे चिरंजीव राव ने सतीश यादव पर जमकर हमला बोला लेकिन सत्ता में रहकर और विरोध में भी ना साबित कर पाए और ना ही आगे आकर किसी कार्रवाई को अंजाम दे पाए। महज मीडिया की सुर्खियों में ही आरोप प्रत्यारोप नृत्य करता रहा। यहा बता दे की सतीश यादव इस सीट से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं और दोनो ही बार दूसरी पोजीशन पर रहे। इसी तरह इनकी पत्नी उपमा यादव ने भी नप चेयरपर्सन का चुनाव लड़ा और दमदार तरीके से लड़ते हुए दूसरी पोजीशन पर रही। इस चुनाव मे पूर्व मंत्री कप्तान परिवार से विक्रम यादव को तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा जबकि भाजपा से पूनम यादव विजयी रही। कुल मिलाकर रेवाड़ी सीट पर सतीश यादव की भूमिका इसलिए विशेष रहेगी क्योंकि लगातार मिलती आ रही हार सहानुभूति के समुद्र में अमृत बनकर कब जीत में बदल जाए कुछ नही कहा जा सकता। चुनाव में इसी तरह की हार जीत की कहानियां सतीश यादव के किरदार से मेल खाती रही है।