कोरोना और प्रदूषण की मार सह रहे दिल्ली में अब कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के चलते आज से दिल्ल्ली में तापमान में जबरदस्त गिरावट होगी जिसके बाद दिल्ली में सर्दी अपनी पूरी रंगत में आ जाएगी, विभाग ने कहा है कि आज से लेकर आने वाले दो-तीन दिनों में तापमान 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर सकता है, जिससे लोगों को कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ेगा।
पश्चिमी विक्षोभ का असर केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मैदानी इलाकों पर भी पड़ेगा, जिसके कारण अब लोगों को जोरदार ठंड का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा, हालांकि विभाग ने कहा है कि तापमान में गिरावट दिसंबर तक नहीं होगी लेकिन तीन से चार डिग्री तक की गिरावट होने से लोगों को सर्दी का सामना करना पड़ेगा।
जहां दिल्ली में पारा गिरने वाला है, वहीं दूसरी ओर आज सुबह से उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी हो रही है, सोमवार सुबह केदारनाथ और बदरीनाथ में Snow Fall हुआ है तो वहीं टिहरी में बारिश हुई है, जिसके कारण यहां ठंड बढ़ गई है तो वहीं जम्मू-कश्मीर में में बर्फबारी और बारिश से ठिठुरन बढ़ गई है। गुलमर्ग समेत कश्मीर के ऊपरी क्षेत्रों में बर्फ की चादर बिछ गई है, IMD ने कहा कि आने वाले दिनों में इसी तरह का मौसम रहेगा।
हिमाचल में भी दो दिनों से बर्फबारी का सिलसिला जारी है, यहां भी यलो अलर्ट जारी है तो वहीं उत्तर भारत के कई राज्यों में कल से बारिश हो रही है, जिससे तापमान में गिरावट आई है और ठंड बढ़ी है। गौरतलब है कि भारत के मौसम विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने हाल ही में कहा था कि मौजूदा मौसम की वजह से इस मौसम में सर्दी अधिक हो सकती है। हम इस साल और अधिक ठंड की उम्मीद कर सकते हैं क्योंकि La-Nina की स्थिति शीत लहर की स्थिति के लिए अनुकूल है, मालूम हो कि ला-नीना (La-Nina) भी मानसून का रुख तय करने वाली सामुद्रिक घटना है।
कोरोना के लिए खतरनाक मौसम है सर्दी बता दें कि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के पूर्व प्रमुख डॉ. स्कॉट गोटलिब ने भी चेतावनी देते हुए कहा था कि कोरोना वायरस सर्दी में बहुत मजबूत हो जाएगा इसलिए अगर सही ढंग से ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है,हर किसी को इस समय कोरोना वायरस से बचने के लिए बताई गई गाइडलाइनों का सख्ती से पालन करना बहुत ज्यादा जरूरी है क्योंकि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती है, तब तक सावधानी ही बचाव है।