ट्रेन में कंफर्म टिकट के नाम पर 1000 रुपये तक ज्यादा वसूली, क्या है गारंटी वाला खेल

रेलवे के सब-एजेंट नियमों के विरुद्ध वेटिंग टिकट को कंफर्म कराने का दावा कर रेल यात्रियों से धन उगाही कर रहे हैं। ट्रैवल गारंटी चार्ज के तहत प्रति यात्री 359 रुपये से 1000 रुपये तक लिया जा रहा है। वेटिंग टिकट कंफर्म नहीं होने पर यह एजेंट यात्री को पैसा वापस करने के बजाए ट्रैवल गारंटी कूपन पकड़ा देते हैं और बस-हवाई जहाज से यात्रा करने का विकल्प चुनने को कहा जाता है। रेल मंत्रालय ने ऑनलाइन टिकट बिक्री के लिए आईआरसीटीसी को अधिकृत किया है।

विभाग में प्रमुख एजेंट के अलावा लाखों की सख्या में सब-एजेंट रेल यात्रियों को ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा मुहैया कराते हैं। सब-एजेंट स्लीपर श्रेणी में 20 रुपये व एसी में 40 रुपये प्रति यात्री एजेंट सर्विस चार्ज के रूप में लेते हैं। सब-एजेंटों ने ट्रैवल गारंटी चार्ज के तहत यात्रियों को कंफर्म टिकट देने का दावा करना शुरू कर दिया है। इसके एवज में यात्री से रेल किराये के अलावा 359-1000 रुपये तक लेते हैं। यात्री को मिलने वाली इलेक्ट्रानिक रिजर्वेशन सिल्प (ईआरएस) में इसका बाकायदा उल्लेख होता है। यह चार्ज ट्रेन की श्रेणी और दूरी के अनुसार तय होता है।

उदाहरण के लिए दिल्ली-कानपुर के बीच शिवगंगा (ट्रेन संख्या-12560) के एसी-3 श्रेणी का गारंटी चार्ज 359 रुपये प्रति यात्री है। वहीं, दिल्ली-कानपुर लखनऊ शताब्दी के एक्जीक्यूटिव श्रेणी का गारंटी चार्ज 909 रुपये प्रति यात्री है। यात्री की संख्या बढ़ने पर यह चार्ज बढ़ जाएगा। यदि यात्रा वाले दिन टिकट कंफर्म नहीं हुआ तो एजेंट बस अथवा हवाई जहाज से यात्रा का विकल्प देते हैं। यदि यात्री ट्रेन से ही यात्रा करना चाहता है तो उसे ट्रैवल गारंटी कूपन दिया जाता है। हालांकि, यह सीमित समय के लिए होता है। लेकिन एजेंट ट्रैवल गारंटी चार्ज का पैसा वापस नहीं करते हैं। विदित हो कि रेलवे में आरक्षित श्रेणियों में प्रतिदिन औसतन 14 से 15 लाख टिकट की बुकिंग होती है।

‘एजेंट-सब एजेंट इस तरह बिक्री नहीं कर सकते’

रेलवे विशेषज्ञों का कहना है कि एजेंट-सब एजेंट 100 फीसदी कंफर्म टिकट के नाम पर रेल टिकट की बिक्री नहीं कर सकते हैं। रेलवे मैन्युअल के अनुसार ट्रेनों में वेटिंग टिकट को बर्थ खाली होने पर पहले आरएसी को फिर वेटिंग टिकट को कंफर्म किया जाता है। इस व्यवस्था को बाइपास कर वेटिंग टिकट को पहले कंफर्म नहीं किया जा सकता है। वहीं, रेलवे बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी (आईपी) दिलीप कुमार ने बताया कि सब-एजेंट ट्रैवल गारंटी चार्ज लेते हैं। सब-एजेंट ट्रेन का टिकट कंफर्म नहीं होने पर रेल यात्री को हवाई जहाज, सड़क परिवहन व अन्य साधनों से यात्रा करने की सुविधा देते हैं। अल्पावधि में अनिवार्य यात्रा करने वाले मुसाफिर इसका उपोग करते हैं।