डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ वाली सनक की भेंट चढ़ा 1 लाख भारतीयों का रोजगार, डायमंड इंडस्ट्री में कोहराम

डायमंड इंडस्ट्री में बड़े पैमाने रोजगार का सृजन होता है। इस उद्योग में हीरे की कटिंग से लेकर पॉलिशिंग तक के काम में बड़े पैमाने पर श्रमिक और कुशल कारीगर लगते हैं। लेकिन इनके भी रोजगार पर बड़ा संकट पैदा हुआ। यह सब डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ वार की सनक के चलते हुआ है। डायमंड कटिंग और पॉलिशिंग के काम में लगे करीब 1 लाख लोगों को अपना रोजगार खोना पड़ा है। गुजरात के सौराष्ट्र में यह उद्योग बड़े पैमाने पर है। सूरत इसका प्रमुख केंद्र माना जाता है। गुजरात के इस हिस्से में समृद्धि का यह भी एक कारण रहा है, लेकिन अप्रैल में 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ डायमंड पर डोनाल्ड ट्रंप ने लगा दिया था।

तब से अब तक यहां हाहाकार मचा है और 1 लाख लोग रोजगार खो चुके हैं। गुजरात डायमंड वर्कर्स यूनियन के वाइस प्रेसिडेंट भावेश टैंक ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि बीते 10 दिनों में ज्यादा नौकरियां गई हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को 10 से 25 फीसदी कर दिया और फिर 50 पर्सेंट तक बढ़ा दिया। भावनगर, अमरेली और जूनागढ़ में भी बड़े पैमाने पर हीरा उद्योग है। अमेरिकी ग्राहकों की ओर से हीरे के ऑर्डर स्थगित किए गए हैं या फिर कैंसल ही हो गए हैं। इसके चलते काम कम हुआ है और इंडस्ट्री में वर्कर्स को बिना काम के बना रखना संभव नहीं है। इस उद्योग में करीब 3 से 4 लाख लोग काम करते हैं।

फिलहाल इनमें से एक चौथाई पर संकट आया है। यदि यही स्थिति जारी रही तो हीरा उद्योग में मचा कोहराम और बढ़ सकता है। अमेरिकी बाजार में खरीद कम होने के साथ ही चीन से भी ऑर्डर कम मिल रहे हैं। इस उद्योग में बड़े पैमाने पर 20 हजार तक की सैलरी वाले कर्मचारी लगते थे, जिन्हें अब जाने के लिए कहना पड़ रहा है। सूत्रों का कहना है कि बड़ी कंपनियां इस बार में फिलहाल कुछ कहने से बच रही हैं। कुछ को उम्मीद है कि यह संकट जल्दी ही थमेगा और कोई ट्रेड डील दोनों देशों के बीच हो जाएगी। लेकिन अपनी तैयारी रखना और लागत कम करते हुए उत्पादन जारी रखना अपनी प्राथमिकता में रख रहे हैं। ऐसी स्थिति में बिना काम के वर्कर्स को बनाए रखना मुश्किल है।