इजरायली हमले ने भड़काई आग, कतर ने बुला ली अरब और मुसलमान देशों की इमरजेंसी मीटिंग

इजरायल के दोहा में हमले के बाद कतर की राजधानी अगले रविवार और सोमवार को एक आपातकालीन अरब-इस्लामी शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगी। इस बैठक में दोहा पर इजरायली हमले पर चर्चा होगी। कतर समाचार एजेंसी (क्यूएनए) के अनुसार, शिखर सम्मेलन का उद्देश्य कतर की धरती पर हमास नेताओं को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हमले के परिणामों पर विचार करना और इस गंभीर घटनाक्रम पर एकीकृत अरब-इस्लामी प्रतिक्रिया का समन्वय करना है। यह घोषणा दोहा में हुए हवाई हमले के दो दिन बाद आई।

बता दें कि कतर ने इस कार्रवाई को हमास राजनीतिक ब्यूरो के कई सदस्यों के आवासीय कार्यालयों को निशाना बनाकर किया गया कायरतापूर्ण हमला करार दिया। इजरायली सेना ने हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें कहा गया कि उसने शिन बेट (इजरायल सुरक्षा एजेंसी) के साथ मिलकर दोहा में ‘हमास नेतृत्व’ को निशाना बनाया। हमास ने पुष्टि की कि खलील अल-हय्या के नेतृत्व वाला उसका वार्ता प्रतिनिधिमंडल हत्या के प्रयास में बच गया, हालांकि हमले में संगठन के कई सदस्य मारे गए।

कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा कि इजरायल द्वारा दोहा में हमास नेताओं पर किए गए हमले से इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में बंधकों की रिहाई की सारी उम्मीदें खत्म कर दीं। शेख मोहम्मद ने यह तीखा बयान संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी उपस्थिति से पहले दिया। यह बयान खाड़ी देशों, खासकर अरब देशों में इजरायली हमले के प्रति बढ़ते असंतोष को दर्शाता है, जिसमें कम से कम छह लोग मारे गए थे। शेख मोहम्मद ने आगे कहा कि हमले के दिन सुबह मैं एक बंधक के परिवार से मिला था। वे संघर्षविराम और मध्यस्थता पर पूरी तरह निर्भर थे। उनके पास कोई और उम्मीद नहीं थी। लेकिन मुझे लगता है कि नेतन्याहू ने अपने इस कदम से बंधकों की रिहाई की सारी संभावनाएं खत्म कर दीं।

कतर और मिस्र गाजा में संघर्षविराम के लिए मध्यस्थता के प्रमुख प्रयासों में शामिल रहे हैं। अमेरिका के आग्रह पर कतर ने वर्षों से दोहा में हमास के राजनीतिक नेतृत्व को आश्रय दिया है ताकि इजरायल और हमास के बीच बातचीत की संभावनाएं बनी रहें। नेतन्याहू ने शेख मोहम्मद की टिप्पणियों पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, उन्होंने हमलों का बचाव करते हुए कहा था कि यदि कोई देश आतंकियों को आश्रय देता है, तो उसे या तो उन्हें बाहर निकालना चाहिए या न्याय के कटघरे में लाना चाहिए, वरना हम कार्रवाई करेंगे।

नेतन्याहू की यह टिप्पणी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस आश्वासन के एक दिन बाद आई, जिसमें उन्होंने कतर को भरोसा दिलाया था कि उसकी धरती पर इजरायली हमले दोबारा नहीं होंगे। यह हमला तब हुआ जब गाजा युद्ध को समाप्त करने और हमास की गिरफ्त में मौजूद 48 बंधकों को छुड़ाने के लिए बातचीत चल रही थी। माना जाता है कि इनमें से लगभग 20 बंधक जीवित हैं। हमास ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि उसके शीर्ष नेता हमले में बच गए, हालांकि संगठन ने अभी तक इसका कोई प्रमाण नहीं दिया। हमले में मारे गए लोगों में खलील अल-हैय्या के बेटे, तीन अंगरक्षक और उनके कार्यालय प्रमुख शामिल हैं।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल की जवाबी सैन्य कार्रवाई में अब तक 64600 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। मंत्रालय यह स्पष्ट नहीं करता कि इनमें कितने नागरिक और कितने लड़ाके हैं, लेकिन उसके अनुसार मरने वालों में लगभग आधे महिलाएं और बच्चे हैं। गाजा युद्ध अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ था, जब हमास के नेतृत्व में आतंकियों ने दक्षिणी इज़राइल पर हमला कर 1200 लोगों की हत्या की थी और 251 लोगों को अगवा किया था।