हरियाणा में कांग्रेस की संविधान बचाओ यात्रा पर भाजपा का पलटवार

कांग्रेसी नाक रगड़ के माफी मांगे तब भी बाबा साहेब की आत्मा दुत्कारती रहेगी


रणघोष अपडेट. चंडीगढ़

हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी के मददेनजर कांग्रेस ने संविधान बचाओ यात्रा निकालने की तैयारी शुरू कर दी है। जिसका करारा जवाब देने के लिए भाजपा ने भी कमर कस ली है। भाजपाईयों ने देश की आजादी के समय और उसके बाद संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के राजनीतिक और सामाजिक जीवन पर कांग्रेस की तरफ से लगातार किए गए हमलों का इतिहास जुटाकर उसे समाज में पहुंचाने का खाका तैयार कर लिया है।

चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर. सीएम, हरियाणा सरकार सुदेश कटारिया ने कहा की कांग्रेसी लोकसभा चुनाव में झूठ और पांखड का जाल फैलाकर संविधान बचाने के नाम पर अपना खेल करने में कुछ हद तक कामयाब हो गए तो समझ लिया की दलित समाज भोला है उसे फिर अपना शिकार बना लो। इस बार ऐसा नही होने देंगे। इतिहास गवाह है की कांग्रेस ने देश की आजादी के समय और उसके बाद तक साम दंड भेद से जब तक बाबा साहेब जिंदा रहे उन्हें सामाजिक- राजनीतिक तौर पर उनके आत्म सम्मान और स्वाभिमान पर हमला करते रहे। हरियाणा में कांग्रेस को संविधान बचाओ यात्रा नही बाबा साहेब हमें माफ करो, हमसे अपराध हुआ की माफी घर घर जाकर मांगनी चाहिए। समाज कैसे भूल सकता है की यह वही कांग्रेस है जिसकी पार्टी के देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू हमेशा बाबा आंबेडकर के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहे। 1951 में कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद बाबा साहेब ने 1952 में लोकसभा का आम चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने सिर्फ उनके खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारा, बल्कि खुद नेहरू उनके खिलाफ प्रचार के लिए पहुंच गए थे। कांग्रेस ने बाबा साहेब को चुनाव में हराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। इस कारण बाबा साहेब को हार का अपमान सहना पड़ा था। इसके बाद बाबा साहेब ने 1954 में भंडारा सीट से लोकसभा का उपचुनाव लड़ा। लेकिन, दोबारा कांग्रेस ने उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारा। फिर बाबा साहेब को लोकसभा पहुंचने से रोक दिया गया। इस लगातार अपमान के समय अगर उनका साथ किसी ने दिया था तो वह डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे। उनके प्रयासों से बाबा साहेब राज्यसभा में पहुंचे थे। डॉ श्याम प्रसाद वही थे जिन्होंने जन संघ को जन्म दिया जो भारतीय जनता पार्टी के रूप में काम कर रही है। कांग्रेस पार्टी ने दशकों तक बाबा साहब अंबेडकर को भारत रत्न देने से इनकार किया। देश की आजादी के बाद जब तक वह सत्ता में रही ।कांग्रेस ने सुनिश्चित किया कि बाबासाहेब की तस्वीर पुरानी संसद, सेंट्रल हॉल में लगे। कांग्रेस की वजह से ही बाबासाहेब को दशकों तक भारत रत्न नहीं दिया गया।केंद्र में भाजपा समर्थित वीपी सिंह की राष्ट्रीय मोर्चा सरकार बनने के बाद ही यह संभव हो सका। जब बाबा साहेब अंबेडकर को मरणोपरांत 31 मार्च 1990 में भारत रत्न से सम्मानित करके देश और समाज के प्रति उनके अमूल्य योगदान को नमन किया गया। सुदेश कटारिया ने कहा की इतिहास को समझने वाले अच्छी तरह से जानते हैं की बाबा साहेब की जीवन यात्रा में कांग्रेस का काला इतिहास छिपा हुआ है। हमें गर्व है की 13 अप्रैल  2018 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  26 अलीपुर रोड जहां डॉ आंबेडकर नेशनल मेमोरियल का शुभारंभ किया था, यही पर बाबा साहेब ने 6 दिसंबर 1956 को अंतिम सांस ली थी। इसलिए कांग्रेसी संविधान बचाने का पांखड फैलाने की बजाय दलित समाज के सामने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे की उन्होंने बाबा साहेब का हमेशा अपमान करने के अलावा कुछ नहीं किया।