आईजीयू में सबकुछ संभव है.. जिन छात्रों के रजल्ट में रि आई उन्हें गवर्नर से डिग्री दिला दी

रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी मीरपुर, रेवाड़ी में सबकुछ संभव है। वजह अकेला वाइस चांसलर कुछ नही कर सकता। वह क्या क्या देखे। तीन साल बाद उसे चले जाना है। स्टाफ व शिक्षक स्थाई तोर पर रहते हैं जिसमें कुछ मास्टमाइंड है जो चालाकी, सिफारिश और ले देकर शिक्षा के इस मंदिर में प्रवेश कर जाते  हैं ओर अलग अलग रास्तों से इसका व्यापार करना शुरू कर देते हैं। इनकी जड़े अब इतनी गहरी हो चुकी है की इन्हें उखाड़ पाना आसान नही है। चपरासी, कर्मचारी से लेकर प्रोफेसर्स तक के धड़े बने हुए हैं। इनका दिनभर का शैडयूल विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देने की बजाय एक दूसरे को नीचा दिखाने की रणनीति और साजिशों में गुजरता है। सही मायनों में 50 हजार से लेकर 2 लाख से ज्यादा वेतन लेने वाले शिक्षकों का ईमानदारी से मूल्याकंन किया जाए तो अधिकांश हाजिरी लगाने और इधर उधर की राजनीति करने के नाम पर दिनचर्या का आनंद ले रहे हैं।  नतीजा कड़ी मेहनत और लगन से अपना बेहतर भविष्य बनाने का इरादा लेकर आने वाले विद्यार्थियों का मनोबल पढ़ाई में जीरो, आवारा, शरारती तत्वों का बिना पढ़े अपने सहयोगियों का रजल्ट में टॉपर देखकर टूट जाता है। वे हताश होकर या तो शिक्षक या कर्मचारी के भेष में छिपे शिक्षा के भेड़ियों की चपेट में आ जाते हैं या फिर मजबूर होकर किसी तरह वापस लौट जाते हैं।

दैनिक रणघोष पिछले एक सप्ताह से आईजीयू में शिक्षा से जुड़े अनेक मामले उजागर कर रहा है। रेवाड़ी- नारनौल- महेंद्रगढ़ समेत अनेक क्षेत्रों से काफी संख्या में विशेष तौर से छात्राओं ने पढ़ाई, शिक्षकों के तौर तरीकों एवं घोषित होने वाले परीक्षा परिणाम को लेकर अपनी पीड़ा जताई। इसमें अधिकांश के पास कोई साक्ष्य नही था लेकिन उनकी जुबान से निकल रही पीड़ा और आक्रोश यह बताने के लिए काफी था की शिक्षा के नाम पर कुछ शिक्षक जिसमें अधिकतर अनुबंध पर लगे हुए हैं और एग्जाम, रजल्ट समेत अनेक विभागों में लगे हुए कर्मचारी कम ज्यादा नंबर देने,  जमा किए गए दस्तावेजों को इधर उधर करने  के नाम पर सौदेबाजी करते हैं। आंतरिक मूल्याकंन के नाम पर 20 नंबर में सबसे ज्यादा लूटपाट मचती है जिसमें शिक्षक जमकर लूटपाट करता है साथ ही आवाज उठाने वाले विद्यार्थी का भविष्य खराब करने का टेंडर भी जारी कर देता है। ऐसा अनेक छात्रों के साथ किया गया है।  हम इस खबर में आपको जो बताने जा रहे हैं वह बेहद ही शर्मसार और हैरान करने वाला है। इस खुलासे में हम किसी भी विद्यार्थी का नाम एक्सपोज नही करेंगे। हमारा मकसद किसी के भविष्य से खिलवाड़ करना नही मौजूदा शिक्षा व्यवस्था की हकीकत से रूबरू कराना है।

कंप्यूटर साईंस के रजल्ट में रि होने के बावजूद गर्वनर से दिला दी डिग्री

 रणघोष के पास कुछ छात्रों ने साक्ष्यों के साथ दो विद्यार्थियों का रजल्ट परिणाम भेजा है जिसमें एक छात्र एक विषय में  फेल होते हुए भी 25 अप्रैल 2023 को विवि में हुए दीक्षांत समारोह में गर्वनर के हाथो डिग्री ले गया। ऐसा इनके साथ पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों ने दावा किया है। जबकि दूसरा छात्र दो विषयों में फेल था लेकिन उसे भी डिग्री प्रदान कर दी गई।  बैचलर ऑफ टैक्नालॉजी कंप्यूटर साइंस के जारी प्रोविजनल रजल्ट  2022 में एक छात्र को 2 सितंबर 2022 को पास होने का प्रोविजनल प्रमाण पत्र मिल जाता है। उसके आधार पर उसे डिग्री भी मिल जाती है जिसे वह 25 अप्रैल 2023 को आयोजित दीक्षांत समारोह में गर्वनर के हाथों प्राप्त भी कर लेता है। लेकिन 26 मार्च 2024 को इसी छात्र के जारी तीसरे सेमेस्टर के परिणाम में वह गणित में फेल दिखाया गया है। इसी तरह  बैचलर ऑफ टैक्नालॉजी कंप्यूटर साइंस के जारी प्रोविजनल रजल्ट  2023 में एक छात्र को 19 जून 2023 को यह रजल्ट मिलता है जिसमें वह 58 प्रतिशत के साथ पास घोषित होता है जबकि इसी डेट पर उसे एक अन्य रजल्ट मिलता है जिसमें वह 8 वें सेमेस्टर के एक विषय में फेल दिखाया जाता है। इसी तरह 27 मई 2023 व 26 मार्च 2024 को उसे एक ओर रजल्ट मिलता है जिसमें उसे तीसरे सेमेस्टर के गणित विषय में फेल दिखाया जाता है। वह दो विषयों में फेल है उसके बाद उसे 19 जून 2023 को पास का प्रोजीवनल रजल्ट दे दिया जाता है।