ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के भीतर कैसे साफ किए आतंकी अड्डे, सेना ने जारी किया ऐक्शन वीडियो

Indian Army Video: भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक मिसाइल और ड्रोन हमले किए। यह अभियान 26 मिनट में पूरा किया गया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे चरमपंथी संगठनों के प्रमुख प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया गया। भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन का एक 34 सेकंड का वीडियो जारी किया है, जिसमें सेना का पराक्रम देखा जा सकता है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारतीय वायुसेना के राफेल जेट विमानों ने SCALP और HAMMER मिसाइलों का उपयोग करते हुए आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया। इन हमलों में लगभग 90 आतंकवादियों के मारे जाने की सूचना है, जबकि पाकिस्तान ने 26 नागरिकों की मौत और 46 के घायल होने का दावा किया है। पाकिस्तान ने इन हमलों को ‘युद्ध की कार्रवाई’ बताया है और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

ऑपरेशन सिंदूर भारत का अब तक का सबसे समन्वित और व्यापक सैन्य अभियान माना जा रहा है, जिसमें तीनों सेनाओं (थल, वायु और नौसेना) ने हिस्सा लिया। यह ऑपरेशन 6-7 मई 2025 की रात को पाकिस्तान और पीओके के भीतर स्थित आतंकी प्रशिक्षण ठिकानों पर किया गया।

आतंकी संगठन और उनके ठिकाने जो तबाह हुए

जैश-ए-मोहम्मद

बहावलपुर में जैश के मुख्यालय मार्कज सुब्हान अल्लाह को निशाना बनाया गया। यहां सीनियर कमांडरों की मीटिंग्स और ट्रेनिंग सेशन होते थे। इसके अलावा कोटली में मार्कज अब्बास को तबाह किया गया। यह आत्मघाती हमलावरों का प्रशिक्षण केंद्र था। यह हथियारों के स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट का हब भी था। तेरा कलां के सरजल में पीओके में नई भर्ती आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप को भी निशाना बनाया गया।

लश्कर-ए-तैयबा

200 एकड़ में फैले लश्कर के सबसे लॉजिस्टिक्स सेंट मार्कज तैयबा, मुरिदके को निशाना बनाया गया। यह 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आतंकी अजमल कसाब जैसे आतंकियों की ट्रेनिंग का स्थान भी रहा है। इसके अलावा लश्कर के क्षेत्रीय लॉजिस्टिक हब मार्कज अहले हदीस, बरनाला को नेस्तनाबूत किया गया। घुसपैठियों के रणनीतिक ठिकाना और लश्कर-जैश दोनों द्वारा इस्तेमाल किए जाने शवाई नल्ला कैंप, मुजफ्फराबाद को भी निशाना बनाया गया।

हिज्बुल मुजाहिदीन

सियालकोट में महमूना जोया को तबाह किया गया। हिज्बुल का यह केंद्र अभी भी आतंकियों को ट्रेनिंग देने के काम आता है। यह स्थान कश्मीर घाटी में नेटवर्क बनाए रखने के लिए तैयार किए जा रहे आतंकियों का बेस है।