रणघोष अपडेट. देशभर से
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में गुरुवार को पिछले 24 घंटों में 358 ताजा इन्फेक्शन दर्ज किए गए। साथ ही कोविड-19 मामलों में वृद्धि देखी गई। यह वृद्धि कोविड वायरस JN.1 के जरिए बढ़ रहा है। इसका पहला केस केरल में पाया गया था। अब तक तीन मौतों का मामला भी सामने आया है। कोविड इन्फेक्शन के ताजा मामले केरल के अलावा कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र से आ रहे हैं।नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि कोच्चि क्षेत्र में लगभग 24 घंटों की अवधि में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों वाले सभी रोगियों में से 30% मरीज़ कोविड पॉजिटिव निकले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि समुदाय में कोविड के मामले फैल गए हैं और उनका पड़ोसी भी संक्रमित पाया गया है।हालाँकि विशेषज्ञों ने कहा कि जेएन.1 वैरिएंट अधिक संक्रामक है, लेकिन शायद लोगों के अधिक संख्या में अस्पतालों में भर्ती होने का कारण नहीं बने। क्योंकि भारत में अधिकतर लोगों को कोविड वैक्सीन लग चुकी है। भारत का हेल्थ सिस्टम 2020 में पहली लहर और 2021 में घातक डेल्टा लहर के दौरान के मुकाबले काफी बेहतर हो गया। यह सिस्टम देश में मामलों के बढ़ने पर संभालने के लिए अच्छी तरह से तैयार है।नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने बुधवार को कहा कि भारत में अब तक देश भर से नए कोरोनोवायरस वेरिएंट जेएन.1 के 21 मामले सामने आए हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। विशेषज्ञों ने कहा कि उपलब्ध इलाज प्रभावी हैं, संक्रमण हल्का है। उन्होंने कहा कि भारत में वैज्ञानिक समुदाय नए वैरिएंट की बारीकी से जांच कर रहा है क्योंकि उन्होंने राज्यों को परीक्षण बढ़ाने और अपनी निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।नए कोविड वैरिएंट बढ़ने की चिंता के बीच किसी भी संभावित हमले से निपटने के लिए पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के लिए कई राज्य सक्रिय कदम उठा रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग केंद्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार, इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) मामलों की निगरानी जारी रखेगा। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने भी लोगों को सतर्क रहने और घबराने की सलाह नहीं दी और कहा कि राज्य में वर्तमान में 13 सक्रिय कोविड मामले हैं।इसी तरह, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि दिल्ली सरकार इस मामले से निपटने के लिए “पूरी तरह से सतर्क” है और वह जीनोम निगरानी बढ़ाएगी। भारद्वाज ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर बेड और अन्य आवश्यकताओं की “फिर से समीक्षा” की जा रही है।मास्क ही बचाव का एकमात्र उपाय। डॉक्टरों ने कहा है कि भीड़ वाली जगह जा रहे हैं तो मास्क पहनकर ही जाएं।डॉक्टरों ने सलाह दी है कि अगर आप ऐसी स्थिति में फंस गए हैं, जहां हवा है, भीड़ है, आपको लगता है कि आपके आसपास बहुत लोग हैं, तो मास्क पहनना ज्यादा सुरक्षित है। अगर आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्रा कर रहे हैं तो मास्क पहनें। बुजुर्गों और जिनके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (रोगों से लड़ने की क्षमता) कमजोर है, वे जरूर मास्क पहनें।
क्या हैं इसके लक्षण
नए वैरिएंट के लक्षण बुखार, खांसी, गंध और स्वाद नहीं महसूस करना हैं। डॉक्टरों ने कहा है कि इसमें लगातार तेज बुखार, सांस लेने में कठिनाई, थकान, खाने में असमर्थता और उल्टी वगैरह भी आ सकती है। जो लोग बीमार हैं उन्हें दूसरों की सुरक्षा के लिए मास्क पहनना चाहिए। उन्होंने पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल करने की सलाह भी दी है। अगर शरीर में ठंड लग रही हो तो उसे हल्के में मत लें।