अब केदारनाथ यात्रा में ISRO का ‘डिजिटल कवच’, हेलिकॉप्टर सेवाएं होंगी स्मार्ट और सेफ

केदारनाथ यात्रा में अब इसरो की हाई-टेक तकनीक यात्रियों की सुरक्षा संभालेगी। हेली सेवाओं की लाइव ट्रैकिंग और रियल-टाइम अलर्ट से उड़ानें पहले से ज्यादा सुरक्षित होंगी।

केदारनाथ में हेली सेवाओं को अब इसरो की हाई-टेक तकनीक का सहारा मिलेगा। लाइव लोकेशन ट्रैकिंग से लेकर मौसम और इलाके की रियल-टाइम जानकारी तक, हर पल पायलट और कंट्रोल रूम अपडेट रहेंगे। ‘डिजिटल कवच’ की इस कवायद से यात्रियों की सुरक्षा और पायलट की उड़ान दोनों पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट और सुरक्षित हो जाएंगी।

केदारनाथ में हेली सेवाओं को सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सहयोग के लिए हामी भर दी है। नागरिक उड्डयन सचिव सचिन कुर्वे के अनुसार इस पखवाड़े में इसरो के विशेषज्ञों की टीम उत्तराखंड आएगी। इस वर्ष 15 जून को केदारनाथ में हेली हादसे के बाद सरकार ने हेली सेवाओं के लिए बेहतर सिस्टम तैयार करने के लिए इसरो की मदद लेने का निर्णय लिया था।

राज्य सरकार ने केदारघाटी के लिए ऐसा मॉड्यूल तैयार करने का अनुरोध किया है, जिससे हेलीकॉप्टर की लाइव लोकेशन ट्रैकिंग होती रहे। इसरो ऐसा डिजिटल ऐलीवेशन मॉडल (DEM) विकसित करेगा, जो GPS सिस्टम से जुड़ा होगा। इससे कंट्रोल रूम में न केवल हेलीकॉप्टर की लाइव लोकेशन की जानकारी मिलती रहेगी, बल्कि हेलीकॉप्टर में बैठे पायलट को भी अपने आसपास के क्षेत्र और मौसम की स्थिति की जानकारी मिलती रहेगी। इससे पायलट के लिए हेलीकॉप्टर को सुरक्षित उड़ाना आसान होगा।

नागरिक उड्डयन सचिव सचिन कुर्वे ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि इसरो के विशेषज्ञ उत्तराखंड में अपने उपकरणों का परीक्षण करेंगे। पहले उनका दौरा अगस्त में ही प्रस्तावित था, लेकिन धराली और उसके बाद आई अन्य आपदाओं की वजह से परीक्षण टल गया। अब इस पखवाड़े उनका आने का कार्यक्रम है।