जस्टिस वर्मा को हटाने की प्रक्रिया शुरू, स्पीकर ने महाभियोग प्रस्ताव पर बनाई कमेटी, 3 नाम कौन-कौन

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने कर दिया है। उन्होंने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का भी ऐलान किया है। जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास पर इसी साल मार्च में जली हुई नकदी के बड़े ढेर मिले थे। उसके बाद से जस्टिस वर्मा विवादों और सुर्खियों में रहे हैं। उस समय जस्टिस वर्मा दिल्ली हाई कोर्ट के जज थे। बाद में उनका तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया गया था।

लोकसभा में कमेटी के गठन का ऐलान करते हुए स्पीकर बिरला ने बताया कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ 146 सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित महाभियोग प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया गया है। कमेटी जस्टिस वर्मा के मामले की जांच कर लोकसभा को रिपोर्ट सौंपेगी।

कमेटी में कौन-कौन?

इस कमेटी में तीन लोगों को रखा गया है। इनमें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार, मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बीवी आचार्य हैं। बिरला ने कहा, “जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। संसद भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट है। हमने महाभियोग प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है…लोगों को न्यायपालिका पर भरोसा है।”

146 सदस्यों के हस्ताक्षरित प्रस्ताव मिले थे

स्पीकर बिरला ने कहा, ‘‘समिति यथाशीघ्र अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जांच समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने तक जस्टिस वर्मा को हटाने का प्रल्ताव लंबित रहेगा।’’ इससे पहले उन्होंने सदन को सूचित किया कि उन्हें गत 31 जुलाई को भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद और सदन में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के कुल 146 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव की सूचना प्राप्त हुई है, जिसमें जस्टिस यशवंत वर्मा को न्यायाधीश जांच अधिनियम 1968 की धारा 3 के साथ संविधान के अनुच्छेद 124 (4) के साथ पठित अनुच्छेदों 217 और 218 के अंतर्गत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति को एक समावेदन प्रस्तुत करने का प्रस्ताव है।

15 मार्च को जस्टिस वर्मा के घर मिली थी जली नकदी

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विगत 15 मार्च को जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित आवास से जली हुई नकदी मिलने की घटना का विवरण भी पढ़ा। उन्होंने कहा कि वर्तमान मामले से जुड़े तथ्य गंभीर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं। बिरला ने कहा, ‘‘संसद को इस मुद्दे पर एक स्वर में बोलना चाहिए और देश की जनता को भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने का अपना संदेश भेजना चाहिए।’’